पटना: बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार के कहर के बीच एक चौंकाने वाली खबर आई है. जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पीछे इंसानों के कंकाल पाए गए हैं. इस मामले में बिहार के स्वास्थ्य विभाग ने जांच के आदेश दिए हैं. मुजफ्फरपुर के डीएम आलोक रंजन घोष ने प्रशासन और संबंधित विभागों से मामले पर रिपोर्ट मांगी है.





वहीं कंकाल मिलने की खबर के बाद एक जांच दल उस स्थान पर पहुंचा जहां मानव कंकाल के अवशेष मिले हैं. जो जांच दल श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल पहुंचा था उसने बताया है कि लावारिस शवों को उस जगह पर जलाया जाता है. अहियापुर के SHO सोना प्रसाद सिंह ने बताया, "जांच के बाद पता चला है कि लावारिस शवों को यहां जलाया जाता है. बता दें कि पिछले कुछ वक्त से मुजफ्फरपुर का श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल बदइंतजामी की वजह से चर्चा में है. एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) या चमकी बुखार से इस हॉस्पिटल में अबतक 120 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है.






लगातार जा रही है चमकी बुखार से बच्चों की जान


वहीं, पूरे बिहार में चमकी बुखार के कारण अभी तक 150 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है. चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों को लेकर केंद्र और राज्य सरकार ज्यादा बोलने से बच रही है. चमकी बुखार से मौत को लेकर जवाब कोई नहीं दे रहा है. इन मौतों के बीच एक नई थ्योरी घूम रही है थ्योरी ये है कहीं बुखार के पीछे लीची तो नहीं. बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में सबसे ज्यादा लीची का उत्पादन होता है और सबसे ज्यादा बच्चों की मौत इसी जिले में हुई है. इस बीच चमकी का चीन कनेक्शन भी निकलना शुरू हो चुका है.


चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों के मौत की वजह का न तो मेडिकल सिस्टम पता लगा पा रही है और ना ही केंद्र से लेकर राज्य सरकार कोई जवाब दे पा रही है.


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