पटना: केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की बेटी आशा अपने पिता और सौतेले भाई चिराग के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी. हालांकि ये बात आशा नहीं बल्कि रामविलास के दामाद अनिल कुमार साधु कह रहे हैं. आशा अभी तक कैमरे पर नहीं आई हैं. साधु पहले ही लालू यादव की पार्टी आरजेडी ज्वाइन कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि पासवान के परिवार में अपमान की आग लग चुकी है.


रामविलास पासवान के दामाद अनिल कुमार साधु ने कहा, ''क्या इस देश में किसी राजनीतिक परिवार की बेटी का चुनाव लड़ना अपराध है. मैं आदरणीय पासवान जी से पूछना चाहता हूं कि आज उनके खिलाफ, उनकी ही बेटी जनता के सामने अपना हक मांग रही है. कुछ तो कारण रहा होगा.''


चिराग पासवान पर भी साधा निशाना


अनिल साधु ने कहा, ''एक तरफ पासवान जी नारा देते हैं, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ. दूसरी तरफ उन्हीं के पुत्र चिराग की पढ़ाई दिल्ली के महंगे स्कूल में हुई. बोलने के लिए विदेश में पढ़े. आज उन्हीं की बेटी, उनकी खून पिता से पूछ रही है, बाबूजी मैंने क्या गलती की. हमारे छोटे भाई को महंगे स्कूल में पढ़ाया, उसको मान सम्मान दे दिया. हमारी क्या गलती थी. एक तरफ उनका पुत्र महंगे स्कूल में पढ़े. दूसरी तरफ बेटी गांव में झोपड़ी के स्कूल में भी नहीं पढ़ सकी. इससे शर्म की बात और क्या हो सकती है. पासवान जी बेटा-बेटी में फर्क समझते हैं.''


इतना ही नहीं साधु ने कहा कि अगर आरजेडी उनकी पत्नी आशा पासवान को टिकट देती हैं तो ताल ठोक के हाजीपुर में हराएगी. रामविलास पासवान बोलते थे कि मैं जहर खा लूंगा, लेकिन आरएसएस, बीजेपी में नहीं जाउंगा. क्या जहर खा लिए. मैं रामविलास पासवान नहीं हूं कि बयान देकर पलट जाऊं.


तेजस्वी के साथ रहने का दावा


साधु ने आगे कहा, ''मैं खूंटा गाड़कर तेजस्वी यादव के साथ रहूंगा. मैं आरजेडी और महागठबंधन के लिए वोट मांगूंगा. आरजेडी मेरा घर-परिवार है. तेजस्वी मेरे दोस्त, छोटे भाई के समान हैं. हमें आरजेडी और महागठबंधन का सरकार बनाना है. हमारे महागठबंधन में तेजस्वी यादव बिहार का चेहरा हैं. महागठबंध में कोई मनमुटाव नहीं है.''


आरजेडी नेता ने कहा कि मैं रामविलास जी का बहुत सम्मान करता हूं. चिराग की चिंगारी से झोपड़ी में लग गया आग. रामा सिंह छोड़ के चले गए. इनकी पार्टी में सिर्फ दो लोग ही बचेंगे रामविलास पासवान और उनके बेटे. वे पुत्र मोह में फंसे हैं. अगर भाई उनके लिए प्यारे होते तो भाई को यह दिन देखना पड़ता. पसुपति कुमार पारस जब दो जगह से चुनाव लड़ना चाहते थे तो चिराग का बयान था कि प्रदेश अध्यक्ष को दो जगह से टिकट नहीं दूंगा. चाचा के सामने भतीजा पैदा हो और यह बयान दे.