बिहार: लालू यादव का वो 'जिन्न' जिसे जेडीयू किसी भी कीमत पर अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहती
दरअसल, लालू यादव बिहार में अतिपिछड़ों को 'जिन्न' कहा करते थे. साल 1995 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद उन्होंने कहा था कि इस बार मतपेटी से जिन्न निकलेगा. यही हुआ और लालू यादव सत्ता पर काबिज हुए. नीतीश कुमार की पार्टी किसी भी कीमत पर इस 'जिन्न' को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहती है.
पटना: बिहार की राजनीति में 'जिन्न' और चूहे का बोलबाला हो गया है. जेडीयू ने कहा कि लालू यादव का जिन्न अब उनके पास कभी नहीं जाएगा तो आरजेडी ने पलटकर कह दिया कि बिहार में चूहे की भरमार है. दरअसल, नब्बे के दशक में लालू के एमवाई समीकरण (मुस्लिम-यादव) के साथ अतिपिछड़े और दलित एक साथ थे. इस जिस वजह से लालू सत्ता में बने रहे. लालू अतिपिछड़ों को 'जिन्न' कहा करते थे.
1995 में बिहार में विधानसभा चुनाव के ठीक बाद लालू ने कहा था कि मतपेटी से इस बार जिन्न निकलेगा. हुआ भी यही. लालू अविभाजित बिहार के बेताज़ बादशाह हुए और उन्हें अभूतपूर्व सफलता मिली. जिन्न का मतलब तब लोगों को समझ में आया कि मुस्लिम यादव के साथ साथ अति पिछड़ों ने उन्हें जमकर वोट किया था. अब सत्ता से बाहर होने के बाद लालू को फिर से जिन्न की याद आई है.
अपनी पार्टी संगठन में अतिपिछड़ों के लिए 45 फीसदी जगह अतिपिछड़ों के लिए आरक्षित कर दिया. हालांकि अभी तक राष्ट्रीय और प्रादेशिक स्तर पर संगठन का विस्तार होना बाकी है. जेडीयू को पता है कि अगर ये अतिपिछड़ी जातियां लालू के साथ जुट हो जाएं तो चुनाव के नतीजों में बदलाव आ सकता है.
नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू किसी कीमत पर इसे अपने साथ से जाने नहीं देना चाहेगी. लिहाजा लालू पर जिन्न को ठगने का आरोप लगाया और उसके लिए नीतीश सरकार के काम करने का दावा किया गया. अब लालू, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव, नीतीश सरकार पर चूहों के ज़रिए हमला बोल रहे.
जब राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह बिहार में जल संसाधन विभाग के मंत्री थे तब उन्होंने बांध में टूटने के लिए चूहों को ज़िम्मेदार बताया था. दूसरी तरफ थानों में शराब पीने के आरोप से बचने के किए थानेदारों ने चूहों के शराबी होने की बात कही थी. हाल ही में पंचायतों के स्कूलों से शिक्षकों की नौकरी की फाइलें गायब होने के लिए नियोजन इकाइयों ने चूहों को ज़िम्मेदार बता दिया.
राबड़ी देवी और तेजस्वी ने ट्वीट कर चूहों के खेल का खुलासा कर दिया. राबड़ी ने ट्वीट किया, ''बिहार में 1100 करोड़ का बांध चूहे खा गए. पुलिस कस्टडी में रखी 9 लाख लीटर शराब चूहों ने पीकर ग़ायब कर दी. अस्पताल में नवजात का हाथ खा गए और अब 40000 नियोजित शिक्षकों के फ़ोल्डर चूहे कुतर गए. क्या कथित सुशासनी सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार का सारा दोष चूहों पर मढ़ा जा रहा है?''
नीतीश सरकार में बीजेपी कोटे से मंत्री नंदकिशोर यादव ने राबड़ी देवी के चूहे वाले ट्वीट पर कहा कि इस तरह के ट्वीट से आरजेडी को कुछ मिलने वाला नहीं है. लोगों ने उनके 15 साल के शासन को देखा है. लोगों ने देखा है कि किस प्रकार पूरा बिहार अपराधियों के चंगुल में था. फिर से आरजेडी को कोई वोट देने को तैयार नहीं है. वो लाख प्रयत्न कर लें लेकिन बिहार में फिर से एनडीए की सरकार बनेगी.
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि अब जिन्न वापस नहीं आने वाला. है. तेजस्वी यादव ने लगातार पार्टी गठबंधन और बिहार की जनता को निराश किया है. पार्टी के कार्यक्रम में नहीं दिखते हैं. जनता के समस्या से जूझने का माद्दा उनमें नहीं है.
वहीं आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि लालू प्रसाद गरीबो दलितों अकलियतों के, पीड़ितों के रहनुमा हैं, इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता. दो ढाई साल तो ये (नीतीश कुमा) जनादेश का चोरी करके ही सत्ता में हैं और अब इनलोगों को घबराहट है कि दलित, पीड़ित, वंचित, और गरीबों की जमात अब अपने हक के लिए जाग चुकी है.