पटनाः बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव आज रांची अपने सजायाफ्ता पिता लालू यादव से मिलने रांची के रिम्स अस्पातल पहुंचे. लौटने क्रम में वह कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहील से एयरपोर्ट लॉन्ज में मुलाकात की. तेजस्वी ने कहा कि अपने पिता लालू यादव को बिहार की राजनीति और पार्टी में अतिपिछड़ों को तरजीह देने की जानकारी दी साथ ही बिहार में अपनी यात्रा के बारे में विस्तार से चर्चा किया. तेजस्वी ने कहा कि लालू जी जैसा चाहते थे वैसा ही हुआ.
उन्होंने कहा, "हमने ऐसा बताया कि आपने जैसा बताया वैसा संगठन तैयार हो गया. इससे उन्हें ज्यादा खुशी हुई कि इसमें अति पिछड़ों को हम लोगों ने ज्यादा से ज्यादा आगे बढ़ाने का काम किया है. प्रदेश के सारे चीजों को हम लोगों ने दुरुस्त किया. आगे जो कार्यक्रम है जैसे बेरोजगारी हटाओ यात्रा, इसकी भी जानकारी हमने उनको दी है और बाकी सेहत को लेकर के और जो पिता और बेटे में जो बातचीत होती है जो साधारण बात वह हुई.
'झारखण्ड, दिल्ली में साथ लड़े बिहार में भी साथ'
शक्ति सिंह गोहिल के साथ आने को लेकर पूछे गए सवाल पर तेजस्वी ने कहा, "हम हमेशा साथ रहे हैं आज से नहीं, आरजेडी और कांग्रेस का पुराना रिश्ता रहा है और हमेशा साथ रहे हैं. दुः और सुख की घड़ी में और आने वाले समय मे जो चुनौतियां हैं वो मिलकर लड़ेंगे. झारखंड भी साथ मिलकर साथ लड़े, सारे विधानसभा में हमलोग मिलकर साथ खड़े होकर साथ चुनौतियों का सामना किया है तो आने वाले चुनाव है उसे एक चुनौती के रूप में हम ले रहे हैं और हमलोग मिलजुल कर आगे की लड़ाई लड़ेंगे.''
'बहुत हुई नफरत की राजनीति, अब नहीं.'
गिरिराज सिंह के बयान पर तेजस्वी ने कहा कि हमको कुछ नहीं कहना है. नफरत की राजनीति बहुत हो गई, मेरे ख्याल से झारखंड ओर दिल्ली के चुनाव के बाद अभी भी बीजेपी के लोग सबक नहीं सीखे है इनका पूरा एजेंडा ही है कि सोसाइटी को कम्यूलाइज्ड करें.
उन्होंने कहा कि बीजेपी से कहिए कि देश में बहुत गरीबी है, भूखमरी है. बेरोजगारी है, बेबसी है, देश में शिक्षा लोगो को नही मिल रही है, स्वास्थ्य चिकित्सा सब बदहाल है, महंगाई है, गरीबी है ,आर्थिक मंदी है जो जिम्मेदारी आपको जनता ने दी है उसपर थोड़ा काम कीजिए आप पाकिस्तान और इमरान खान से नीचे बात ही नही करते है. जनता का विकास नहीं ये जनता का विनाश चाहते हैं.
मदरसों में हनुमान चालीसा पर ऐतराज
दिल्ली के मदरसों में हनुमान चालीसा के पाठ को लेकर इनका कहना है कि इसपर क्या कहे हर किसी की अपनी आस्था होती है. केजरीवाल जी की हनुमान जी मे आस्था है तो वो अपना पूजा करने गए वैसे ही हर किसी की अपनी आस्था है किसी धर्म मे किसी भगवान में है. इसमे हम धर्म पर राजनीति क्यों करना चाहते हैं. जो स्कूले है वो तो शिक्षा प्राप्त करने की जगह होती है. विषय वहां तय है और उस विषय पर ही पढ़ाई हुई होगी ये तय है.
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