पटना: बिहार विधान मंडल के बजट सत्र के छठे दिन सोमवार को मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग करते हुए विपक्ष ने सदन के अंदर और बाहर जोरदार हंगामा किया. बिहार विधानसभा की सोमवार को कार्यवाही शुरू होने पर राजद सदस्य भाई वीरेंद्र और ललित यादव के नेतृत्व में पार्टी विधायक पिछले हफ्ते मुजफ्फरपुर विशेष पोस्को अदालत द्वारा पारित एक आदेश के मद्देनजर मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग करने लगे. नीतीश सदन में नहीं थे.
बिहार विधानसभा में इसको लेकर सीपीआई (एमएल) के विधायकों सत्यदेव राम, सुदामा प्रसाद और महबूब आलम ने आज एक कार्यस्थगन प्रस्ताव रखा था. मुजफ्फरपुर स्थित एक शेल्टर होम में 34 लड़कियों के कथित यौन शोषण मामले के एक आरोपी द्वारा दायर एक अर्जी विशेष पोस्को अदालत द्वारा सीबीआई को पिछले सप्ताह फॉरवर्ड की गई थी. अर्जी में शेल्टर होम के लिए 2013 से 2018 के दौरान शेल्टर होम को राशि आवंटित किए जाने में मुख्यमंत्री और समाज कल्याण विभाग के कई शीर्ष नौकरशाहों की भूमिका जांच की मांग की गयी है. इस यौन शोषण मामले की जांच चल रही है.
बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने आज सुबह ट्वीट कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग की थी . बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने विपक्षी सदस्यों से कहा कि उनकी समझ से कोर्ट के आदेश में मुख्यमंत्री की भूमिका पर कोई सवाल नहीं उठाया गया है. अर्जी को "नियमित प्रक्रिया" के हिस्से के रूप में सीबीआई को भेज दिया गया है.
विपक्षी सदस्यों से अध्यक्ष ने पूछा कि क्या उनके पास कोर्ट के आदेश की कॉपी है और यदि है तो उसे सदन में पेश कर सकते हैं. इस पर विपक्षी सदस्य आसन के समक्ष आ कर सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे. हंगामे के कारण अध्यक्ष ने सदन की कार्रवाई अपराह्न 2 बजे भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दी. बाद में विपक्षी सदस्य मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे और उनके नारको टेस्ट की मांग करते हुए बिहार विधानसभा परिसर में कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा के समीप धरने पर बैठ गए.
बिहार विधान परिषद में विपक्षी सदस्यों ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर करीब 10 मिनट तक आसन के समक्ष हंगामा किया. फिर कार्यकारी सभापति हारून रशीद के समझाने पर वे अपनी जगहों पर लौट गए और सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चली.
इससे पूर्व बिहार विधान परिषद के मुख्य द्वार पर प्रतिपक्ष की नेता राबड़ी देवी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग करते हुए विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी की. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने संवाददाताओं से कहा कि नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री पद पर बने रहते हुए उक्त मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती.
बिहार विधान परिषद में कांग्रेस सदस्य प्रेम चंद्र मिश्रा ने भी कहा कि जबतक नीतीश मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देते हैं, तब तक इस मामले की एक स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच संभव नहीं है.
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