पटना: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के शेल्टर हाऊस में 34 लड़कियों के साथ यौन शोषण के विरोध में विपक्षी दल समर्थित वामदलों के एक दिन के बंद के दौरान आज कई जगहों पर रेल और सड़क यातायात बाधित किया गया. ऐसा करने वाले कुल 598 बंद समर्थकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) एस के सिंघल ने बताया कि आज बंदी के दौरान गिरफ्तार 598 बंद समर्थकों में सारण में 328, मधुबनी में 210, नवादा में 35 और कटिहार में 25 लोग शामिल हैं.
सिंघल ने बताया कि बिहार बंद के दौरान 20-25 की संख्या में बंद समर्थकों ने करीब 08.35 बजे से दरभंगा स्टेशन पर दरभंगा-नई दिल्ली सम्पर्क क्रांति एक्सप्रेस को रोक दिया. प्रशासनिक हस्तक्षेप से गाड़ी को गंतव्य के लिए रवाना कराने में 35 मिनट का वक्त लगा. उन्होंने बताया कि लगभग 15 की संख्या में भाकपा माले कार्यकर्ताओं अलग-अलग गाड़ियों को रोक दिया. अधिकारी ने बताया कि विपक्षी कार्यकर्ताओं ने प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में यातायात जाम कर दिया. इससे स्थिति खराब हो गयी और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा.
बंद समर्थकों के मुजफ्फरपुर में बालिका गृह के संचालक और मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के घर के सामने प्रदर्शन किए जाने पर वहां पुलिस बल की तैनाती की गयी है. मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन शोषण मामले के विरोध में आज की बंदी के दौरान समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा की पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गयी थी.
बिहार बंद की अपील भाकपा-माले, भाकपा, माकपा, एसयूसीआईसी, आरएसपी और फारवर्ड ब्लाक की ओर से की गयी जिसे आरजेडी, हम और कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों का समर्थन प्राप्त था. लेफ्ट पार्टियों ने पटना हाई कोर्ट के निर्देश में मुजफ्फरपुर सहित सभी अल्पावासों, रिमांड होमों की जांच कराने, टाटा इंस्ट्च्यिूट आफ सोशल साइंस की रिपोर्ट सार्वजनिक करने, समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा और बीजेपी कोटे से मंत्री सुरेश शर्मा को बर्खास्त करने और चंद्रशेखर वर्मा को अविलंब गिरफ्तार करने की मांग की है.