नई दिल्ली: जेडीयू ने बिहार में लोकसभा सीट बंटवारे के लिए बीजेपी को 50-50 फीसदी वाला फॉर्मूला दिया है. फॉर्मूले के तहत गठबंधन के अन्य सहयोगियों को सीटें देने के बाद बाकी बची सीटों को बीजेपी और जेडीयू में बराबर-बराबर बांटा जाएगा. जेडीयू सूत्रों के मुताबिक इस फॉर्मूले पर बीजेपी ने भी सहमति दे दी है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी और जेडीयू के बीच लोकसभा सीटों की पहचान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी हैं. सीटों की पहचान के लिए जातीय समीकरण को महत्व दिया गया है. इसके साथ ही बीजेपी अपनी पांच ऐसी लोकसभा सीटें जेडीयू के लिए छोड़ेगी जो उसने 2014 के लोकसभा चुनाव में जीती थीं.
इस तरह से इस फार्मूला के तहत जेडीयू को 16, बीजेपी को 17, एलजेपी को पांच और आरएलएसपी को दो सीटें मिलनी हैं. इस फ़ॉर्मूले में बीजेपी की 17वीं लोकसभा सीट औरंगाबाद की होगी जिस पर आरएलएसपी के बागी अरुण कुमार बीजेपी के टिकट पर लड़ सकते हैं. इस फॉर्मूले के तहत जेडीयू ने ये भी शर्त रखी थी कि बंटवारे के बाद सीटों की विषम संख्या बचने पर उसके हिस्से की सीटों को कम करने के बजाय एक ज्यादा ही दी जाए. हालांकि ये बीजेपी को स्वीकार है या नहीं इस पर कोई स्पष्टता नहीं हो पाई है.
गठबंधन में अन्य दलों को कितनी सीटें दी जाएंगी इसको लेकर जेडीयू को कोई आपत्ति नहीं हैं. एलजेपी और आरएलएसपी के लिए सीटों का फैसला बीजेपी को करना है. इसके लिए पिछले विधानसभा चुनाव को आधार बनाया जा रहा है. ऐसी सूरत में दोनों ही दलों की सीटें कम होने का अनुमान है. सूत्रों को कहना है कि इस मससे पर बात बहुत आगे नहीं बढ़ पाई है और अंतिम फॉर्मूला नवंबर के अंत में सामने आ पाएगा.
सूत्रों के मुताबिक 2019 में NDA के गठबंधन दलों को यानी एलजेपी और आरएलएसपी को उतनी सीटें नहीं मिल पाएंगी जितनी 2014 में उनके हिस्से आई थी. यानि एलजेपी और आरएलएसपी को कम सीटो पर संतोष करना होगा. नवंबर महीने के अंत में अमित शाह और नीतीश कुमार के बीच बैठक होगी और इसके बाद सीटों के बटवारे के एलान भी हो जाएगा.