पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार में बीजेपी कोटे से मंत्री बने प्रमोद कुमार ने ऐसा बयान दे दिया है कि बीजेपी को अब सफाई देनी पड़ रही है. दरअसल उपेंद्र कुशवाहा पर निशाना साधते हुए बिहार के पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार यह बोल गए कि नीतीश कुमार को बीजेपी बुलाने नहीं गई थी बल्कि वे खुद बीजेपी के पास आए थे.
मंत्री प्रमोद कुमार के बयान को बीजेपी जहां ज़्यादा तरजीह नहीं दिए जाने की बात कहकर मामला खत्म करने में लग गई है तो वहीं जेडीयू बीजेपी से उनके खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद कर रही है. बीजेपी प्रवक्ता संजय टाइगर इसे पुराना मामला बता दबाने की कोशिश कर रहे. उन्होंने कहा, "गठबंधन तभी बनता है जब सभी दल चाहते हैं. आपसी सहमति और समन्वय के आधार पर ही गठबंधन चलता है. बिहार में नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में गठबंधन की सरकार बखुबी चल रही है और राज्य की बेहतरी के लिए काम कर रही है.''
संजय टाइगर ने कहा,''जब हम एकसाथ नहीं थे, तब हमने किस पार्टी के विरोध में क्या कहा, आज वह बात अनुचित भी है. आज उस बयान का कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने तब के बात का उल्लेख किया था. जब हमलोग गठबंधन में नहीं थे. स्वभाविक है, जब हमलोग एकसाथ नहीं थे,परस्पर विरोध चलता रहता है. लेकिन उन बातों के जिक्र का न संदर्भ है और न अवसर है और न कोई मतलब है.''
वहीं इस मामले पर जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने बीजेपी को खरी-खोटी सुनाई. उन्होंने कहा,'' यह शर्मनाक और निंदनीय बयान है. उन्होंने मंत्रिपरिषद् में रहते हुए एक गैर-जिम्मेदार राजनेता का आचरण किया है. जो कतई क्षमा योग्य नहीं है. बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को प्रमोद कुमार के बयान का संज्ञान लेना चाहिए और कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन केवल कुछ दलों का अलायंस नहीं है, जनता की उम्मीदों का प्रतीक है. जहां भी एनडीए की सरकार है, लोगों ने काफी उम्मीद के साथ सरकार को जिम्मेदारी दी है. गठबंधन धर्म को प्रभावित करने का काम उन्होंने किया है, हम उसकी कठोरतम शब्दों में भर्तसना करते हैं. बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से अविलंब कार्रवाई की मांग करते हैं."
वहीं नीतीश के मंत्री के इस बयान पर आरजेडी ने चुटकी ली है. आरजेडी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि इससे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का ये आरोप सिद्ध हुआ कि नीतीश कुमार ने सृजन के डर से बीजेपी का दामन थाम लिया. उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी प्रमोद कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार, बीजेपी के पास गए थे. बीजेपी उनके पास नहीं गई थी.
शक्ति सिंह ने आगे कहा, ''जो व्यक्ति मंत्रिमंडल में रहकर मंत्रिमंडल प्रमुख के खिलाफ बोलता हो, इससे साफ है कि बीजेपी और जेडीयू में खींचतान है. सुशील मोदी भी बोल देंगे कि नीतीश कुमार जी दो परसेंट वाले हैं, उनकी बिहार में क्या जरूरत है. नीतीश कुमार में दम है तो बीजेपी के मंत्री को बर्खास्त करके दिखाएं. लेकिन ये कुछ नहीं करेंगे, हर तरह का अपमान सहना इनकी मजबूरी हो गई है.''