पटना: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पटना में बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार से नाश्ते पर मुलाकात की है. दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे बातचीत हुई. बैठक के बाद नीतीश कुमार मीडिया से बात किए बिना ही हंसते हुए चले गए. वहीं इस मुलाकात पर बीजेपी भी चुप है. खास बात ये है कि आज शाम को भी नीतीश के आवास पर अमित शाह डिनर में शरीक होंगे. लोकसभा सीटों पर खींचतान के बीच अमित शाह और नीतीश कुमार की मुलाकात खासा अहम मानी जा रही है. बीजेपी और जेडीयू के अलावा सूबे की सभी राजनीतिक पार्टियों की इसपर नजर है.


सूत्रों के मुताबिक सुबह की बैठक में राजनीतिक तौर पर किसी मुद्दे पर बात नहीं हुई. हल्की फुल्की बात चीत हुई, किसी गंभीर मुद्दे पर नहीं बात हुई. अब सबकी नजर डिनर पर है. जेडीयू और बीजेपी के बड़े चेहरे डिनर में होंगे शामिल. नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता और मंत्रियों को बुलाया है. जेडीयू के नेता और राज्यसभा संसद आरसीपी सिंह मंत्री ललन सिंह , मंत्री बिजेंद्र यादव को भी डिनर पर बुलाया है. बीजेपी से प्रदेश अध्यक्ष नित्यानन्द राय मंत्री प्रेम कुमार डिप्टी सीएम सुशील मोदी, मंत्री नन्द किशोर यादव बीजेपी के संगठन मंत्री नागेंद्र जी , मंत्री मंगल पांडे शामिल हैं.


आज सुबह करीब 10 बजे अमित शाह पटना पहुंचे और उन्होंने नाश्ते पर नीतीश कुमार से मुलाकात की. अमित शाह अपने दो दिन के बिहार दौरे पर अपने पार्टी नेताओं के साथ सोशल मीडिया वालंटियर्स से मिलेंगे और चुनाव में जीत का मंत्र देंगे.


दोपहर 2.30 बजे अमित शाह का संबोधन


अमित शाह अब दोपहर 12.45 बजे ज्ञान भवन में ही सोशल मीडिया वालंटियर्स को संबोधित करेंगे. अमित शाह दोपहर 2.30 बजे बापू सभागार में शक्ति केंद्र प्रभारियों के साथ बैठक करेंगे और कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे. इसके बाद वह राजकीय अतिथिशाला में शाम 4 बजे से चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक में भाग लेंगे.


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लोकसभा चुनाव में ज्यादा सीटें मांग रही है जेडीयू


जेडीयू अपने को बड़ा भाई बताते हुए लोकसभा चुनाव में ज्यादा सीट मांग रही है. अमित शाह के पटना आने से पहले जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने बड़े भाई के स्टैंड को क्लियर कर दिया है तो वहीं बीजेपी के पद्रेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने नीतीश को बड़ा भाई तो माना पर बड़ी सीटें देने की बात पर टाल मटोल करने लगे.


क्या कहते हैं आंकड़े?


साल 2009 लोकसभा चुनाव में जेडीयू 25 और बीजेपी 15 सीटें लड़ती थी. लेकिन 2014 में जेडीयू अलग चुनाव लड़ी जिसका फायदा बीजेपी को हुआ. 40 में से 31 सीटों पर एनडीए को फायदा हुआ. अब एक बार फिर नीतीश कुमार एनडीए में आ गए हैं. केंद्र की राजनीति में ज्यादा शेयर तो नहीं है लेकिन उनके पास वोटबैंक जरूर है. बीजेपी विपक्ष की एकजुटता से परेशान है, ऐसे में नीतीश कुमार से अलग होने का जोखिम बीजेपी नहीं ले सकती. 2019 लोक सभा चुनाव के पहले नीतीश अपनी भूमिका साफ-साफ परिभाषित करवा लेना चाहते हैं.


बिहार: लोकसभा की कुल 40 सीटें, किसके पास कितनी?


बीजेपी----------- 22
एलजेपी----------06
आरएलएसपी----03
जेडीयू- ----------02
आरजेडी- --------04
कांग्रेस- ----------02
एनसीपी----------01


बड़ा सवाल ये है कि इस मुलाकात में क्या बीजेपी और नीतीश के बीच लोकसभा सीटों का फॉर्मूला तय हो जाएगा? या फिर बिहार में बड़ा भाई बनने की नीतीश की जिद गठबंधन को तोड़ देगी?


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