पटना: बिहार बोर्ड के बारहवीं के नतीजे आने के बाद लगातार पांचवें दिन भी छात्रों का प्रदर्शन जारी है. छात्र रिजल्ट में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं. पटना में इंटर काउंसिल के बाहर छात्र चक्का जाम कर रहे हैं और लगातार मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर के खिलाफ नारे लगा रहे हैं.
छात्रों का आरोप है कि उन्होंने सभी विषयों की परीक्षा दी थी लेकिन जब बोर्ड की तरफ से रिजल्ट प्रकाशित किया गया तो किसी भी विषय में नम्बर नहीं दिए गए. खास बात ये है कि ऐसे छात्रों की मार्कशीट पर अनुपस्थित भी नहीं लिखा है. कुछ छात्र अपनी उपस्थिति का सबूत ले कर आए हैं कि वे परीक्षा में शामिल हुए थे लेकिन उसके बावजूद इनका रिज़ल्ट ब्लैंक है.
कुछ ऐसे भी छात्र हैं जिन्हें विषयों की थ्योरी में तो नम्बर दिए गए हैं लेकिन ऑबजेक्टिव (ओएमआर शीट) में नम्बर नहीं दिए गए हैं. छात्र सवाल उठा रहे हैं कि ऐसा कैसे संभव है जबकि दोनों पेपर एक साथ ही होते हैं.
लंबे समय से बोर्ड परीक्षा में हो रही हैं ऐसी चीज़ें
अरवल जिले के भीम कुमार को गणित के थ्योरी पेपर में 35 में 38 नंबर मिले. इसी तरह ऑब्जेक्टिब में 35 में 37 नंबर मिले. लेकिन भीम कुमार अपना नंबर देखकर न चकराए और न ही अपना माथा पीटा. भीम कुमार कहते हैं, ‘मैं अपने नंबर देखकर बिल्कुल भी हैरत में नहीं पड़ा, क्योंकि बोर्ड परीक्षा में ऐसी चीज़ें लंबे समय से हो रही हैं.’
गणित के ऑब्जेक्टिब प्रश्न में मिले 35 में 40 अंक
इस तरह पूर्वी चंपारण जिले के संदीप राज को भी भौतिकी के थ्योरी पेपर में 35 में 38 नंबर मिले. लेकिन अंग्रेजी और राष्ट्रभाषा के ऑब्जेक्टिब प्रश्न में उन्हें जीरो अंक मिले. अब वो कहते हैं, ऐसा कैसे मुमकिन है? इसी तरह दरभंगा के राहुल कुमार को गणित के ऑब्जेक्टिब प्रश्न में 35 में 40 अंक मिले हैं.
जिस पेपर की परीक्षा नहीं दी उसमें भी मिले नंबर
वैशाली की जानवी सिंह का कहन है कि उन्होंने जीव विज्ञान के विषय की परीक्षा दी नहीं, लेकिन उस विषय में उसे 18 अंक मिले हैं. ऐसा ही मामला सत्या कुमार के साथ हुआ. उसने भी जिस पेपर की परीक्षा नहीं दी उसमें उसे नंबर मिले.