पटना: बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा आज यानि 17 फ़रवरी से शुरू हो रहा है.अक्सर विवादों में घिरे रहने वाले बिहार बोर्ड ने इस बार किसी भी तरह की गलती से बचने के लिए पूरी कमर कस ली है. इसके साथ ही परीक्षा में नकल और धोखाधड़ी से बचने के लिए इस बार कई उपाय किए गए हैं.


फ़र्ज़ीवाडा रोकने को लेकर सख़्त दिशानिर्देश


17 फ़रवरी से 24 फ़रवरी तक चलने वाले बिहार बोर्ड के मैट्रिक परीक्षा पर सबकी निगाहे टिकी हैं. बिहार बोर्ड की परीक्षा में नक़ल यानि कदाचार के मामले आते रहें हैं. हालांकि बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर के मुताबिक़ इस बार कदाचारमुक्त परीक्षा के लिए कड़े दिशानिर्देश दिए गए हैं. आन्सरशीट (उत्तर पुस्तिका) और ओएमआर शीट पर भी इस बार परीक्षार्थियों की तस्वीर रहेगी.जबकि जूता-मोजा उतारकर ही परीक्षाकेंद्र में जाने की अनुमति है. परीक्षार्थियों को चप्पल पहनकर आने का निर्देश भी दिया गया है.


छात्राओं की तलाशी दो बार


ग़ौरतलब है कि परीक्षा केंद्रो पर छात्राओं की तलाशी के लिए अलग से रूम बनाए गए हैं, जहां परीक्षा शुरू होने से पहले तलाशी ली जाएगी. जबकि दूसरी बार परीक्षा हॉल में इनविज़िलेटर द्वारा भी सभी परीक्षार्थियों की तलाशी ली जाएगी. इतना ही नहीं तलाशी के बाद तमाम छात्रों को एक शपथ पत्र भरकर देना होगा ताकि ये सुनिश्चहित किया जा सके कि तलाशी कड़ी निगरानी में ली गयी है. पटना सहित इस बार हर ज़िले में 4-4 मॉडल परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. छात्राओं की तलाशी के लिए महिला पुलिस हर केंद्र पर मौजूद रहेंगी.


बोर्ड की चेतावनी: कॉपी से छेड़छाड़ करने पर रिज़ल्ट रोका जा सकता है


बिहार बोर्ड ने निर्देश जारी कर परीक्षार्थियों को उत्तर पुस्तिका में किसी तरह के छेड़छाड़ नहीं करने के निर्देश दिए हैं. इस बार उत्तर लिखने के बायें और दायें दोनों तरफ जगह छोड़ा हुआ है. बायीं तरफ के चौथाई में छात्र अपने प्रश्न की क्रम संख्या लिखेंगे. छात्रों को आन्सरशीट के दाएं तरफ़ कुछ भी लिखना मना है.अगर इस हिस्से मे कुछ लिखा जाएगा तो ऐसे परीक्षार्थी का परीक्षाफल अमान्य किया जा सकता है.


बिहार बोर्ड परीक्षा से पहले आनंद किशोर किए गए सम्मानित


बिहार बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर को बोर्ड परीक्षा शुरू होने से पहले ही बिहार बोर्ड को आधुनिक और आदर्श पद्धति को लेकर सम्मानित किया गया है. मुंबई में हुए एक कार्यक्रम में outstanding contribution to Education award से सम्मानित किया गया है. ग़ौरतलब है कि आनंद किशोर को ये अवार्ड बिहार बोर्ड की मैन्यूअल परीक्षा को नए तरीक़े से कम्प्यूटराइज्ड करते हुए New Education System लागू करने को लेकर मिला है. इसके साथ ही परीक्षा से लेकर रिज़ल्ट डिक्लेयर करने तक की व्यवस्था को आदर्श बनाने को लेकर ये सम्मान दिया गया है.


क्या है नया सॉफ़्टवेयर:


मीडिया से बातचीत में आनंद किशोर ने नए सॉफ़्टवेयर की जानकारी दी.उन्होंने बताया कि इंटर और मैट्रिक परीक्षा 2020 का रिज़ल्ट तैयार करने में ये नया सॉफ़्टवेयर आसानी से काम कर सकेगा. यानि पहले जो काम के लिए लगभग एक हफ़्ता लगता था अब कम समय में इस सॉफ़्टवेयर से किया जा सकेगा. इसके साथ ही हर ज़िले में रिज़ल्ट अनालिसिस करना आसान हो सकेगा.