पटना: बिहार की पांच विधानसभा सीटों पर 21 अक्टूबर को उपचुनाव होने हैं. इन पांच सीटों पर होने वाले उपचुनाव को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है. आज एनडीए की तरफ से इन पांचों सीटों के लिए उम्मीदवारों का एलान किया जाएगा. एनडीए में शामिल तीनों पार्टियों जेडीयू, बीजेपी और एलजेपी के प्रदेश अध्यक्ष इस मौके पर मौजूद होंगे. इसके साथ ही बिहार की समस्तीपुर लोकसभा सीट पर भी उपचुनाव होना है. एलजेपी सांसद रामचंद्र पासवान के निधन के बाद ये सीट खाली हुई है.


जिन पांच सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने हैं उसमें इनमें किशनगंज, बेलहर, सिमरी बख्तियारपुर, नाथनगर और दरौंधा सीट शामिल हैं. इन विधानसभा सीटों का नेतृत्व करने वाले विधायक इस बार के लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कर संसद पहुंचे हैं, ऐसे में इन सीटों पर उपचुनाव करना अनिवार्य हो गया.


ये पहले विधायक थे, इस बार लोकसभा चुनाव में सांसद बने हैं:


किशनंगज- मोहम्मद जावेद, कांग्रेस


बेलहर- गिरिधारी यादव, जेडीयू


सिमरी बख्तियारपुर- दिनेश चंद्र यादव, जेडीयू


नाथनगर- अजय कुमार मंडल, जेडीयू


दरौंधा- कविता सिंह, जेडीयू


उधर महागठबंधन में उपचुनाव को लेकर जबदस्त खींचतान देखने को मिल रहा है. आरजेडी ने चार विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार दिए. वहीं जीतन राम मांझी और वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी ने भी अपने उम्मीदवारों को उतारने का फैसला किया है. इस बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने आरजेडी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बिहार में पांच दलों के कथित महागठबंधन को बांधने वाली गांठें कितनी मजबूत हैं, इसका अंदाजा इसी से लग रहा है कि वे उपचुनाव की पांच सीट आपस में बांटने में ही टूट गए. 2020 में वे 243 सीटों पर फैसला कैसे कर पाएंगे? स्वार्थ की पराकाष्ठा यह कि बड़े भाई बनने वाले दल ने सभी चार सीटें अपने नाम कर लीं और सहयोगी दलों को ठेंगा दिखा दिया.