पटना: बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने रेलवे को एक पत्र लिखकर कहा है कि बिहार के श्रमिकों को लाने के लिए एक प्रोटोकॉल तैयार करें. जिससे श्रमिकों को पहले पता चल जाए कि उनको किस तारीख में जाना है. मुख्य सचिव ने लिखा कि मूल राज्यों और पुनर्निर्मित राज्यों की ओर से किए जा रहे सराहनीय प्रयासों के बावजूद, प्रवासी श्रमिक पैदल चलकर और परिवहन के असुरक्षित साधनों का उपयोग कर रहे हैं. जिसके परिणामस्वरूप दुर्घटनाएं हुईं.


उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्ट कई स्थानों पर प्रवासियों की दयनीय स्थिति और आंदोलन प्रदर्शन को उजागर कर रही हैं. मजदूरों को जानकारी का अभाव है. रेल मंत्रालय की ओर से एक प्रोटोकॉल विकसित करने की आवश्यकता है, जिसके माध्यम से प्रवासी श्रमिकों को तारीखों का पता चल सकता है.




उपर्युक्त बातों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने निम्नलिखित बातों का सुझाव दिया-


1. रिसिविंग राज्य को एक दिन में आने वाली ट्रेन की संख्या की जानकारी ओरिजिनेटिंग स्टेट को देनी होगी.


2. प्रवासी मजदूरों को रेल मंत्रालय की ओर से एक विज्ञापन के जरिए, किसी विशेष दिन के लिए यात्री ट्रेनों के सामान्य आवागमन के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के अनुसार टिकट बुक करने के लिए कहा जाएगा. यह ट्रेन प्रवासियों के लिए भी होगी जैसे कि श्रमिक विशेष ट्रेनें.


3. अगर सीटें किसी विशेष दिन पर भरी हुई हैं, तो उन्हें अगली उपलब्ध तारीख / निम्नलिखित तारीखों पर टिकट मिलेंगे.


4. ये ट्रेन उपलब्ध रहेगी जब तक सभी इच्छुक प्रवासी वापस नहीं आ जाए.


5. प्रवासी श्रमिकों को उनकी वापसी पर संस्थागत क्वॉरन्टीन केंद्र में अनिवार्य रूप से रहना होगा.


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