बिहारः प्रशांत किशोर पर नरम दिखे चिराग पासवान, कहा- तेजस्वी से मेरी प्रतिस्पर्धा नहीं
प्रशांत किशोर को लेकर उन्होंने कहा कि सब अपनी अपनी बातें कर रहे हैं और अंत में जनता के हाथों में निर्णय होता है. जब चुनाव होगा तो जनता खुद समझेगी.
पटनाः शुक्रवार से 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' रैली के लिए लोगों को आमंत्रित करने के लिए लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान पूरे बिहार की यात्रा पर निकलेंगे. रैली के लिए आमंत्रित करने के लिए निकलने से पहले वह रणनीतिकार प्रशान्त किशोर पर जेडीयू या बीजेपी की तरह सख्त नहीं दिखे. पटना एयरपोर्ट पर जब सवाल किया गया तो चिराग पासवन ने कहा कि सब अपनी बातें कह रहे हैं. यह जनता पर है कि कौन किस पर विश्वास करेगा.
मीडिया से बात करते हुए चिराग ने कहा कि प्रधानमंत्री के लिट्टी चोखा को बिहार के चुनाव से जोड़ना सही नहीं है. चुनाव तो नवंबर में है तबतक क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लिट्टी चोखा ही खाते रहेंगे.
हर कोई कर रहा है प्रयास
अपनी यात्रा को लेकर चिराग पासवान ने कहा, ''हर कोई अपनी अपनी तरह से प्रयास कर रहा है. अपनी बातों को जनता तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है. मेरा भी एक ईमानदार प्रयास है, बिहार को दूसरे राज्यों के मुकाबले नंबर वन बनाना है. विकास करना है. बिहार में वह काबिलियत है कि हम उसे नम्बर वन बना सकें. बस इन्हीं बातो को लेकर हम जनता के बीच जाएंगे.''
प्रशांत किशोर को लेकर उन्होंने कहा कि सब अपनी अपनी बातें कर रहे हैं और अंत में जनता के हाथों में निर्णय होता है. जब चुनाव होगा तो जनता खुद समझेगी. इस दौरान तेजस्वी यादव के साथ प्रतिस्पर्धा को लेकर कहा कि ये यात्रा मेरी अपनी एक सोच है. मैं इन्ही सोच के साथ जनता के बीच जा रहा हूं.
पीएम का बिहारी खाना चुनाव से जोड़ना ठीक नहीं
पीएम मोदी के लिट्टी खाने को लेकर उन्होंने कहा कि वह किसी स्टॉल पर गए और उन्हें लिट्टि-चोखा पसंद आ गया और वो खा रहे हैं तो अगर इसपर भी राजनीति शुरू हो जाये तो ये गलत है. किसी के खाने को राजनीति से जोड़ना ठीक नहीं है. चुनाव नवंबर में है तो नवंबर तक प्रधानमंत्री लिट्टी चोखा ही खाते रहेंगे क्या?
दारोगा अभ्यर्थियों पर लाठी चार्ज ठीक नहीं
इस दौरान दरोगा अभ्यर्थियों पर हुए लाठी चार्ज को लेकर कहा कि वह लोग परेशान हैं. मैं चाहूंगा कि उनकी जो भी मांगे हैं उनको एकबार सुनी जाए और एकबार जांच करवाई जाए. वह सब छात्र हैं. युवा हैं. बच्चे हैं. लाठी किसी भी कारण किसी पर भी बरसाया जाए मैं उसका पक्षधर नही हूं. उन्होंने कहा कि छात्र और युवाओं को बातचीत कर उन्हें साधने की जरूरत है. उनसे एक संवाद होनी चाहिए.