VIDEO: जॉर्ज फर्नांडीस को याद कर रो पड़े नीतीश कुमार, कहा- उन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता
फर्नांडीस लंबे समय से अल्जमाइर की बीमारी से ग्रसित थे और उन्हें पिछले दिनों स्वाइन फ्लू हो गया था. उन्होंने आज तड़के अपने आवास पर अंतिम सांस ली. पूर्व केंद्रीय मंत्री जॉर्ज फर्नांडीस के निधन पर बिहार सरकार ने दो दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की है.
पटना: समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडीस के निधन के बाद राजनीतिक जगत में शोक का माहौल है. फर्नांडीस के साथ काम करने वाले नेता उनके साथ बिताये दिनों को याद कर रहे हैं. इस दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन्हें याद करते हुए भावुक हो गए.
मीडिया से बात करते हुए नीतीश ने कहा, ''नई पार्टी बनी. उनके नेतृत्व और मार्गदर्शन में जो कुछ भी सीखने का अवसर मिला और आज जो कुछ भी हम लोगों के लिए करते हैं इसमें उनका मार्गदर्शन है. यूं तो हर किसी का जाना निश्चित है. उनका स्वास्थ्य जिस ढ़ंग से था उनका निधन एक प्रकार से मुक्ति है. लेकिन हम सब लोगों के लिए दुख की स्थिति है. हम उन्हें कभी नहीं भूलेंगे.'' इसी दौरान जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार रो पड़े.''
#WATCH Patna: Bihar Chief Minister Nitish Kumar breaks down while talking about #GeorgeFernandes pic.twitter.com/dJQqykTFxy
— ANI (@ANI) January 29, 2019
फर्नांडीस लंबे समय से अल्जमाइर की बीमारी से ग्रसित थे और उन्हें पिछले दिनों स्वाइन फ्लू हो गया था. उन्होंने आज तड़के अपने आवास पर अंतिम सांस ली. पूर्व केंद्रीय मंत्री जॉर्ज फर्नांडीस के निधन पर बिहार सरकार ने दो दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की है.
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मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में नीतीश ने अपने शोक संदेश में कहा है कि जॉर्ज फर्नांडीस के रूप में देश ने बड़ी राजनीतिक शख्सियत के साथ ही प्रखर वक्ता, चिंतक, विचारक और करिश्माई व्यक्तित्व को खो दिया है. जॉर्ज फर्नांडिस श्रमिक संगठन के पूर्व नेता और पत्रकार थे.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके नेतृत्व में समता पार्टी का गठन किया गया था. वह केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में रक्षा मंत्री, संचार मंत्री, उद्योग मंत्री, रेलमंत्री आदि के रूप में कार्य कर चुके थे. फर्नांडिस ने उच्च राजनीतिक मूल्यों और आदर्श की बदौलत सार्वजनिक जीवन में उच्चस्थ शिखर को प्राप्त किया.
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ध्यान रहे कि फर्नांडिस को 2009 के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने टिकट देने से इनकार कर दिया था. जॉर्ज नहीं माने और उन्होंने मुज्जफरपुर से निर्दलीय पर्चा दाखिल किया था. उन्हें हार का सामना करना पड़ा. आखिरी बार वो अगस्त 2009 से जुलाई 2010 के बीच तक राज्यसभा सांसद रहे थे. उसके बाद वह बीमार रहने लगे.