बिहार: सीएम नीतीश ने केंद्र के आर्थिक पैकेज को लेकर की बैठक, भरपूर फायदा उठाने के लिए अधिकारियों को दिया टास्क
नीतीश कुमार ने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अलग-अलग बिंदुओं पर काम करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि क्वॉरन्टीन सेंटर्स में रहने वाले प्रवासी मजदूरों का अगर आधार कार्ड नहीं बना है तो सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए बनवा दिया जाए.
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केन्द्र सरकार के आर्थिक पैकेज का लाभ उठाने के लिए कई दिशा निर्देश जारी किए. इस दिशा निर्देश में बच्चों की शिक्षा पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता को प्राथमिकता देने को कहा गया है. सीएम ने ऑनलाइन पढ़ाई पर फोकस करने को कहा है. ऑनलाइन के जरिए दी जा रही शिक्षा से ज्यादा से ज्यादा संख्या में छात्र/छात्रायें लाभ उठा सकेंगे. उन्होंने कक्षावार तैयार किए गए ई-कन्टेंट को टेलीविजन के माध्यम से दिखाए जाने की बात कही है. डीडी बिहार के माध्यम से कक्षावार दी जा रही ऑनलाइन शिक्षा के टाइम स्लॉट को बढ़ाने के लिए डीडी बिहार से संपर्क करने को कहा है. शिक्षा विभाग अपने स्तर से भी छात्र/छात्राओं को ऑनलाइन शिक्षा देने के संदर्भ में कदम उठाएं. सीएम ने कहा कि क्लास 06 से 12 की तरह कक्षा 1 से 5 के लिए भी ई-कन्टेंट तैयार किया जाए.
राशन कार्ड और आधार कार्ड बनाए जाएं- मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार ने कहा कि बचे हुए सुयोग्य परिवारों का हर हाल में राशन कार्ड शीघ्र बनाया जाए. सभी राशन कार्डों को आधार से लिंक करना सुनिश्चित करें. इससे लोगों को वन नेशन वन कार्ड योजना का लाभ मिल सकेगा. सभी प्रखण्डों में आधार केन्द्र को सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए खोला जाए साथ ही आधार केन्द्रों की स्थाई व्यवस्था की जाय. उन्होंने कहा कि फिलहाल 27 जिलों डीआरसीसी से ऑनलाइन आधार केन्द्रों की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है. बचे हुए जिलों में भी डीआरसीसी में ऑनलाइन आधार केन्द्र की सुविधा उपलब्ध कराई जाए.
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि क्वॉरन्टीन सेंटर्स पर रह रहे प्रवासी श्रमिकों का अगर आधार कार्ड नहीं बना है तो सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए उनका भी आधार कार्ड बनाया जा सकता है. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के विभिन्न बिन्दुओं पर काम करने की जरूरत है.
ऊर्जा क्षेत्र में बिहार का मॉडल अपना रही है केंद्र- नीतीश कुमार
सीएम नीतीश ने कहा कि श्रमिकों की तरफ से ओवर टाइम में किए गए काम के एवज में मिलने वाले पैसे के संबंध में श्रम संसाधन विभाग स्पष्ट दिशा- निर्देश जारी करे. शहरी क्षेत्र के गरीब लोगों के लिए किफायती आवास (अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम) के तहत सस्ते मकान बनाने के संदर्भ में काफी समय से दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं. इस संदर्भ में शहरी विकास और आवास विभाग उचित कार्रवाई करे. बिहार में काफी संख्या में स्ट्रीट वेंडर हैं. सभी स्ट्रीट वेंडरों का व्यवस्थित रूप से सर्वे हो ताकि कोई छूटे नहीं और उन्हें भी अलग-अलग योजनाओं का लाभ मिल सके. केन्द्र सरकार ऊर्जा के क्षेत्र में रिफॉर्म करने जा रही है. बिहार में ऊर्जा के क्षेत्र में पहले से ही काफी नई पहल और सुधारात्मक प्रयोग किए गए हैं. केन्द्र सरकार अब बिहार के इस मॉडल को अपना रही है, यह अच्छी बात है.