पटना: बिहार में पांच स्थानों पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर रहने के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को इस नदी के जलस्तर का निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा बिहार में बक्सर, पटना जिला के दीघाघाट, गांधीघाट, हाथीदह और मनेर, भागलपुर जिला के कहलगांव में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.


मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से गंगा के जल प्रवाह का मुआयना करने के क्रम में सबसे पहले पटना के दीघा घाट के पाटी पुल पहुंचे. दीघा घाट के पश्चात जेपी सेतु से हाजीपुर पहुंचे और वहां गंडक पुल से गंडक नदी के जल प्रवाह का मुआयना किया. नीतीश गंडक पुल के बाद गांधी सेतु पहुंचे और वहां गंगा नदी के जलस्तर का करीब से मुआयना किया. गांधी सेतु के बाद वह अधिकारियों के साथ गांधी घाट पहुंचे जहां इंजीनियरों के साथ विमर्श किया और बढ़े हुये जलस्तर के संबंध में जानकारी प्राप्त की और आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये.


नीतीश कुमार ने गंगा नदी के अलावा सोन नदी, गंडक और घाघरा के जलस्तर की वर्तमान स्थिति के बारे में भी अधिकारियों से जानकारी ली. वह उत्तराखंड में बारिश की स्थिति से भी अवगत हुए. सीएम ने गांधी घाट पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि विभिन्न जगहों पर जाकर गंगा नदी के जलस्तर को हम देख रहे हैं और कल भी हम हवाई सर्वे कर बक्सर से आगे तक की स्थिति को देखेंगे. उन्होंने कहा कि कई जगहों पर जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. जलस्तर बढ़ भी सकता है, इसके लिए पहले से ही सतर्क रहना पड़ेगा.


मुख्यमंत्री ने कहा हालांकि साल 2016 में गंगा नदी के दोनों किनारों के 12 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए थे. अभी जल का वह स्तर नहीं है लेकिन कोई नहीं जानता है कि कल क्या हो सकता है. इसलिए उसके लिए सचेत रहना होगा. इसको लेकर दिशा-निर्देश दे दिये गए हैं. मुख्यमंत्री ने गांधी मैदान से दीघा घाट तक प्रोटेक्शन वॉल का भी निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग और जल संसाधन विभाग पूरी तरह सक्रिय है. उन्होंने कहा कि मौसम विभाग के द्वारा जो जानकारी दी जाती है, उसके मुताबिक कल सुबह भी गंगा के जलस्तर में थोड़ी वृद्धि हो सकती है लेकिन उसके बाद की अभी कोई सूचना नहीं है.


नीतीश कुमार ने कहा कि इसके लिए जल संसाधन विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग के साथ ही सभी जिला प्रशासन को अलर्ट किया गया है और वे पूरी तरह अलर्ट हैं. सीएम के निरीक्षण कार्यक्रम के दौरान मुख्य सचिव दीपक कुमार, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव कुमार हंस और पटना एवं वैशाली के जिलाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक सहित दूसरे पदाधिकारी मौजूद उपस्थित थे.