पहले लॉकडाउन के बाद से अब तक बिहार में प्रवासी मजदूरों का वापस लौटना जारी है. महाराष्ट्र, दिल्ली और गुजरात जैसे राज्यों से लौटने वाले मजदूरों में कुछ कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जा रहे हैं. इस वजह से बिहार सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. इसी बीच राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संक्रमण रोकने के लिए हाल में आए लोगों को क्वारंटीन सेंटर में पहले से रह रहे मजदूरों को अलग रखने को कहा है.


राज्य सरकार ने वापस आने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए 14 क्वारंटीन सेंटर में रहना अनिवार्य कर दिया है. इसके बाद ही उन्हें घर जाने की अनुमति और यात्रा खर्च के तौर पर 1,000 रुपये भी दिए जा रहे हैं. केंद्र द्वारा श्रमिकों को लाने के लिए श्रमिक ट्रेनें चलाने पर सहमति के बाद महीने के आरंभ से अब तक 15 लाख से ज्यादा मजदूर वापस आए हैं.


राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक तीन मई के बाद से वापस आए 2,000 से ज्यादा मजदूर संक्रमित पाए गए हैं. महामारी की स्थिति पर उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कुमार ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि हाल में आए मजदूरों को क्वारंटीन सेंटर में पहले से रह रहे श्रमिकों से अलग रखा जाए.


बिहार में अब तक कोरोना वायरस के 3500 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. कोरोना वायरस की वजह से राज्य में अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है. बता दें कि स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि अब तक ठीक हुए लोगों की संख्या 1,209 है, जबकि अब तक 72,256 लोगों का टेस्ट किया गया है.


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