पटना: बिहार के गया गैंगरेप की घटना पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि यह अपराध की चरम सीमा है. उन्होंने कहा कि पूरा बिहार शर्मसार हुआ है. मांझी ने मांग की कि दोषियों को एफटीसी कोर्ट नहीं एक्सक्लूसिव कोर्ट में ट्रायल कर सजा दी जाए. पॉस्को एक्ट में फांसी की सजा है लेकिन अगर सजा 10 साल बाद होती है तो उसका कोई मायने नहीं है. उन्होंने मांग की कि सहरसा और आरा की तरह गया गैंगरेप मामले का ट्रायल हो.


बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने नीतीश सराकर पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार यहां 'थेथरलॉजी' कर रही है. उन्होंने कहा, ''राज्यपाल ने भी कहा है कि बच्चियों के साथ अगर छेड़खानी होती है तो थाने में न जाकर मेरे पास आएं, यह तो हद हो गई. सरकार को इस्तीफा देना चाहिए. बिहार में राष्ट्रपति शाषन लगना चाहिए.'' बता दें कि राज्यपाल ने कहा था कि अगर लड़कियों के साथ छेड़खानी होती है तो थाने जाने से पहले राजभवन आएं, हमारे अधिकारी साथ में थाने जाकर एफआईआऱ दर्ज करवाएंगे. राज्यपाल के इस बयान के बाद विपक्ष लगातार नीतीश सरकार पर निशाना साध रहा है.


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वहीं गया गैंगरेप मामले में आरजेडी कार्यकर्ताओं पर प्राथमिकी दर्ज होने पर मांझी ने कहा कि किस आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है हमें नहीं पता है. उन्होंने कहा, ''पीड़िता से मिलने संतावना देने गए थे...इनपर एफआईआर, यह अनुसंधान की बात है.''


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