नई दिल्ली: बिहार के मुजफ्फरपुर में पूर्व मेयर की हत्या ने सनसनी फैला दी है. रविवार को करीब साढ़े सात बजे के आसपास बेखौफ अपराधियों ने पूर्व मेयर समीर कुमार को घेर लिया और उनकी कार के उपर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी. इसमें पूर्व मेयर और उनके ड्राइवर की मौत हो गई. इस घटना को अंजाम देने के लिए अपराधियों ने AK-47 जैसे अत्याधुनिक हथियार का इस्तेमाल किया. बताया जा रहा है कि अपराधियों ने 20 राउंड फायरिंग की.


यह पहली दफा नहीं है जब बिहार में क्राइम को अंजाम देने के AK-47 जैसे हथियार का इस्तेमाल किया गया हो. अपराधियों ने इससे पहले भी हत्या जैसे अपराध की वारदात को अंजाम देने के लिए इस हथियार का उपयोग किया है. बता दें कि 1990 में पहली बार बिहार में AK-47 का प्रयोग किया गया. सबसे पहले इसे डॉन अशोक सम्राट ने इस्तेमाल किया था. साल 1990 से 2000 के दौरान हत्या की 20 फीसदी घटनाओं को अंजाम देने के लिए AK-47 का यूज किया गया. माना जाता है कि एक AK-47 सात से आठ लाख रुपये में किराए पर लिए जाते हैं. वहीं लोकल मार्केट में डुप्लिकेट AK-47 की कीमत एक लाख से डेढ़ लाख के बीच है.


बता दें कि इसी साल मई की 12 तारीख को आरजेडी नेता दीना गोप की हत्या भी AK-47 से की गई थी. वे किसी रिश्तेदार के यहां शादी में शरीक होने के बाद वापस घर लौट रहे थे. अपराधियों ने अनुसाबाद में घर के नजदीक ही उनकी हत्या कर दी. 19 अगस्त 2017 को पुलिस ने कई मामलों में वांटेड दो अपराधियों को बिहार के चंपारण जिले से गिरफ्तार किया था. इनके पास से पुलिस ने एक AK-47 बरामद किया.


वहीं 5 फरवरी 2016 को एलजेपी नेता बृजनाथी सिंह की हत्या कर दी गई थी. इस वारदात को अंजाम देने के लिए भी AK-47 जैसे अत्याधुनिक हथियार का उपयोग किया गया. इसके अलावा 26 नवंबर 2015 को गैंगस्टर संतोष झा के शूटर ने दरभंगा में कन्स्ट्रक्शन कर रहे इंजीनियरों की हत्या कर दी थी. इसमें भी उन्होंने AK-47 का इस्तेमाल किया था.