पटना: अपनी ही पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करने के बाद डीजीपी के.एस.द्विवेदी ने सफाई दी है. उन्होंने कहा,'' हम हर महीने रूटीन तरिके से बिहार में अपराध की समीक्षा करते हैं. अपराध के बढ़ने-घटने के कारणों का पता लगाकर उसमें सुधार के लिए दिशा निर्देश जारी करते हैं. ज्यादातर केसेज में और खास तौर पर जितने भी सेंसेशनल केसेज हैं सबमें डिटेक्शन हुआ है. मैंने पत्र में गश्ती और प्रभावी ढंग से करने का निर्देश दिया है ताकि अपराधी को ये न लगे कि वो अपराध करके निकल सकता है.''
डीजीपी के.एस.द्विवेदी ने आगे कहा,''देश के किसी भी राज्य में आज तक इतनी बड़ी संख्या में A K-47 बरामद नहीं हुए हैं. ये हमारी उपलब्धि है कि हमारे यहां 22 A K-47 रिकवर हुए हैं. ये हमारी पुलिस की मुस्तैदी का ही नतीजा है. इस रिकवरी की शुरुआत भी एक नाके से ही हुई थी. वहां हमारे एक जवान ने एक संदिग्ध को रोका था जिसके बैग से तीन A K-47 बरामद हुए थे जो अभी 22 पर पहुंच गया है.''
बता दें कि गुरुवार को बिहार के डीजीपी केएस द्विवेदी की एक चिट्ठी सामने आई थी जिसे पढ़कर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता था कि बिहार पुलिस के अफसर कितने लापरवाह हैं जो अपने डीजीपी तक की नहीं सुनते. इसी महीने की 23 तारीख को डीजीपी ने सभी जिलों के वरीय पुलिस अधिकारियों को चिट्ठी लिखकर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. इसके साथ ही उसे सुधारने के लिए कई दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं.
पुलिस मुख्यालय से निकले इस लेटर में डीजीपी ने अपने अफसरों को सही से ड्यूटी करने और कानून का राज बहाल करने के साथ ही जनता के बीच पुलिस की छवि सुधारने का टास्क दिया. यूं तो सूबे मे बढ़ते अपराध के बीच पुलिस के काम करने के तरीके पर आम जनता सवाल खड़े करती रहती है लेकिन जब खुद पुलिस महकमे का मुखिया ये सवाल करे किए तो सवाल गंभीर हो गया.