पटना: सीएम नीतीश कुमार ने सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित बापू सभागार में बिहार पृथ्वी दिवस के अवसर पर आयोजित जल-जीवन-हरियाली अभियान के जागरूकता कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया. सीएम ने कहा कि हमलोगों ने साल 2011 से इसी दिन बिहार पृथ्वी दिवस का आयोजन शुरू किया था. इसका उद्देश्य पृथ्वी का संरक्षण और इसमें जन सहभागिता को बढ़ाना है. आज हमलोगों ने पृथ्वी को हरा-भरा एवं स्वच्छ बनाने के लिए 11 सूत्री संकल्प लिया है.


इस दौरान मुख्यमंत्री ने कविता की कुछ पंक्तियां पढ़ीं. उन्होंने कहा, “तुम  याद  करो  कैसे  वन  में  खुले ठहाके भरते थे, शेरों को डांटा करते थे...चिड़ियों से बातें करते थे...सुख दुःख में साथ निभाते थे, कैसे  फिर  याद  कराएंगे.” आगे की पंक्तियों  में उन्होंने  कहा, ''बादल को मोहब्बत है जिनसे, पेड़ लगाओ जल के लिए, बच्चों से मोहब्बत है तुझको...तो पेड़ लगाओ कल के लिए...आने वाली पीढ़ियों के बच्चे तेरा गुण गायेंगे.''


नीतीश कुमार ने कहा कि आज अगस्त क्रांति दिवस है. जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संकट से जो स्थिति उत्पन्न हुई है उसके लिए हमलोगों ने एक विशेष अभियान चलाया है और एक विशेष कार्य योजना बनाई जा रही है. उन्होंने कहा कि जल-जीवन-हरियाली से संबंधित कार्य योजना के बारे में मुख्य सचिव ने विस्तारपूर्वक बताया है.


मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस ढंग से दुनिया विकास के नाम पर वृक्षों की कटाई कर रही है, उससे पर्यावरण पर संकट पैदा हो रहा है. एक फिल्म के माध्यम से बेहतर ढंग से अभी इसे दिखाया गया है. राज्य में पहले जहां वर्षापात 1200 से 1500 मिली मीटर था, पिछले 30 सालों में यह 1027 मिली मीटर रिकॉर्ड किया. जबकि पिछले 13 सालों में राज्य का औसत वर्षापात 900 मिमी रह गया है.


नीतीश ने कहा कि इस साल राज्य में एक तरफ बाढ़ की स्थिति बनी तो दूसरी तरफ सुखाड़ की स्थिति बन रही है. इन सब परिस्थितियों से निपटने के लिए हमलोगों ने जून और जुलाई महीने में बैठकें की थीं. फिर 18 अगस्त को इस संबंध में बैठक करेंगे. उन्होंने कहा कि 13 जुलाई 2019 को सभी पार्टी के विधायकों और विधान पार्षदों की जलवायु परिवर्तन के संबंध में संयुक्त बैठक हुई थी.


इसमें सभी लोगों के बीच इस बात पर सहमति बनी थी कि पर्यावरण संरक्षण के लिए व्यापक जन अभियान चलाया जाए. साथ ही एक विस्तृत कार्य योजना बनाकर काम किया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरुआत कर रहे हैं. इसके लिए व्यापक कार्य योजना बनाई जा रही है.


नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार के बंटवारे के बाद राज्य का वन क्षेत्र सात प्रतिशत रह गया था. सरकार में आने के बाद सर्वे से पता चला कि राज्य का हरित आवरण क्षेत्र 9.7 प्रतिशत था. राज्य में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए बिहार पृथ्वी दिवस, वन महोत्सव मनाया जाता है. राज्य में हरित आवरण क्षेत्र को बढ़ाने के लिए 24 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया जिसमें 19 करोड़ पौधे लगाये गये.


मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सरकारी भवनों की छतों पर सोलर प्लेट लगाये जा रहे हैं. निजी भवनों पर भी सोलर प्लेट लगाने के लिये लोगों को प्रेरित किया जायेगा. मुख्यमंत्री आवास में भी हरित आवरण क्षेत्र बढ़ाने के लिये कई पौधे लगाये गये हैं. सभी सरकारी भवनों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जल के संरक्षण के लिए सबको मिल जुलकर काम करना होगा.


कार्यक्रम के दौरान एक पर्यावरण गीत की प्रस्तुति की गई. पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन पर आधारित एक फिल्म के साथ-साथ कटते वृक्ष की व्यथा पर एवं वर्षा जल संचयन पर आधारित लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया. इस अवसर पर धरती को हरा-भरा एवं स्वच्छ बनाने के लिए 11 सूत्री संकल्प दिलाया गया. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने जल-जीवन-हरियाली अभियान के ‘लोगो’ का भी लोकार्पण किया. कृषि तथा पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री डॉ प्रेम कुमार, मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार सिंह ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम में सरकार के मंत्रियों सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे.