Lok Sabha Election 2019: एबीपी न्यूज़-नीलसन एग्जिट पोल के मुताबिक बिहार में बीजेपी को 17 और जेडीयू को 11 सीटें मिल सकती हैं जबकि एलजेपी के खाते में छह सीटें जाने का अनुमान है. यानी बिहार में एनडीए 40 में से 34 सीटों पर जीत दर्ज करती दिखाई दे रही है. वहीं महागठबंधन महज छह सीटों पर सिमट रही है. महागठबंधन में आरजेडी को तीन, कांग्रेस को दो और आरएलएसपी को एक सीट मिल सकती है. पिछले लोकसभा चुनाव में एनडीए ने 31 सीटें जीती थीं, ऐसे में नीतीश कुमार की वापसी से तीन सीटों का फायदा हो रहा है.
बता दें कि इस बार जेडीयू और बीजेपी 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, वहीं एलजेपी छह सीटों पर लड़ रही है. एक्जिट पोल के आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी और एलजेपी अपने खाते की सभी सीटें जीत रही है लेकिन नीतीश कुमार की पार्टी 17 सीटों पर लड़कर 11 सीटें ही जीतती दिख रही है.
वहीं महागठबंधन का सूपड़ा साफ नजर आ रहा है. 20 सीटों पर लड़ने वाली आरजेडी महज तीन सीटें जीतती दिखाई पड़ रही है. वहीं कांग्रेस अपने खाते की नौ सीटों में से दो पर ही जीत रही है. इसके अलावा आरएलएसपी के खाते में एक सीट जा रही है. महागठबंधन में आरएलएसपी को सीट बंटवारे के तहत पांच सीटें दी गई थीं. जीतन राम मांझी की पार्टी हम और मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी का खाता भी नहीं खुल रहा है.
बिहार में लोकसभा की 40 सीटें
बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं और सीटों के लिहाज से यह राज्य देश का पांचवां सबसे बड़ा राज्य है. राज्य में सात चरणों में लोकसभा चुनाव संपन्न हुए. इस बार बिहार में राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, आरएलएसपी, हम और वीआईपी साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है. NDA के खिलाफ 'महागठबंधन' का साथ मिलकर चुनाव लड़ने से बीजेपी को कोई बड़ा नुकसान होता नहीं दिख रहा.
पिछली लोकसभा के नतीजे क्या रहे थे
पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 22 सीटें जीती थी. जबकि एनडीए की दो अन्य पार्टियां आरएलएसपी ने 3 और लोक जनशक्ति पार्टी ने 6 सीटों पर कब्जा किया था. यानी एनडीए की बिहार में कुल 31 सीटें आई थी. वहीं बाकी बचे सीटों में जेडीयू 2, आरजेडी 4, एनसीपी 1 और कांग्रेस ने 2 सीटों पर जीत दर्ज की थी.
इस बार सियासी गणित राज्य में बदला हुआ है. 2014 में उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी एनडीए का हिस्सा थी लेकिन इस बार वह महागठबंधन में है. वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड पिछली बार बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ी ती लेकिन अब वह एनडीए का हिस्सा है.