बिहार में भारी बारिश के बाद नदियां उफान पर, 11 जिले सबसे ज्यादा प्रभावित, 6 जिलों में बाढ़ जैसे हालात
नेपाल में भी हुई बारिश के कारण वहां से आने वाली नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं. दरभंगा जिले में 15 पंचायतों के कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है. शिवहर में भी बाढ़ से हालात खराब हो रहे हैं.
पटना: बिहार में भारी बारिश के बाद नदियां उफान पर हैं. प्रदेश के 11 जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, जिनमें से 6 जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. इन इलाकों में पानी भरने से अब लोगों की हिम्मत जवाब देने लगी है. सीमा पार नेपाल में भी भारी बारिश के चलते राज्य पर दोहरी मार पड़ गई है. बिहार का जो हिस्सा नेपाल से सटा हुआ है.वहां सबसे संकट पैदा हो गया है. यहां के ज्यादातर इलाके पानी में डूबे हुए हैं. कोसी, गंडक और बागमती नदियों का स्तर खतरे के निशान के पास पहुंच गया है.
सीएम नीतीश कुमार ने किया हवाई सर्वेक्षण
बिहार पानी पानी में डूब रहा है तो वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हवाई सर्वेक्षण कर राज्य के विकास और सुशासन को बहता देख रहे हैं. भारी बारिश के बाद अब ये अलर्ट जारी हो ही गया है कि नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं. इसका मतलब ये है कि आने वाले दिनों में पूरा का पूरा उत्तर बिहार बाढ़ की चपेट में आ सकता है.
बिहार के वो कौन से इलाके हैं जो इस वक्त है सबसे ज्यादा बाढ़ प्रभावित हैं?
बिहार में मधुबनी, अररिया, मोतिहारी, रक्सौल, दरभंगा, सहरसा, समस्तीपुर, सुपौल, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी सबसे ज्यादा बाढ़ प्रभावित हैं. खास तौर पर बिहार के उत्तरी इलाकों में हाल बहुत खराब हैं.
कोसी के जलस्तर में आई मामूली कमी
राहत की बात है कि कोसी के जलस्तर में मामूली कमी आई है. कोसी का जलस्तर वीरपुर बैराज के पास रविवार सुबह छह बजे 2.90 लाख क्यूसेक था जो आठ बजे घटकर 2.64 लाख क्यूसेक हो गया. गंडक नदी का जलस्तर वाल्मीकिनगर बराज के पास सुबह आठ बजे 90 हजार क्यूसेक था. सीतामढ़ी के कई इलाकों में बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है. बाढ़ ने रीगा में सरकारी कार्यालयों को भी अपनी चपेट में ले लिया है.
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राहत और बचाव कार्य शुरू
दरभंगा जिले में 15 पंचायतों के कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है. शिवहर में भी बाढ़ से हालात खराब हो रहे हैं और कई शहरी इलाकों में भी पानी घुस चुका है. अररिया और किशनगंज में भी बाढ़ का पानी नए क्षेत्रों में फैल रहा है. पूर्वी चंपारण में भी कई गांवों के लोग ऊंची जगहों पर शरण लिए हुए हैं. इस बीच आपदा प्रबंधन विभाग का दावा है कि राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए गए हैं. कई स्थानों पर सामुदायिक रसोई चलाई जा रही है.
खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं ये नदियां
नेपाल में भी हुई बारिश के कारण वहां से आने वाली नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं. लखनदेई नदी मुजफ्फरपुर के गायघाट, बागमती मुजफ्फरपुर के औराई, कमला बलान और अधवाड़ा नदी दरभंगा में खतरे के निशाना से ऊपर बह रही है. इसके अलावा बागमती नदी हायाघाट, बेनीबाद, डुबाधार, सोनाखान और ढेंग में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि कमला बलान जयनगर और झंझारपुर में, महानंदा ढंगराघाट और झावा में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
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