पटना: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सुशासन और प्रशासन बारिश से लड़ने को तैयार नहीं है. राज्य कई इलाकों में भारी बारिश के बाद बाढ़ की स्थिति है. बेतिया, अररिया और दरभंगा सहित कई इलाकों में पानी भरने से जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. हर तरफ हाहाकार मचा है. राज्य में फिलहाल जो स्थिति है, उससे सुशासन के दावे की पोल पट्टी खुल रही है. जानिए बिहार के किन इलाकों में बारिश ने रोजमर्रा की जिंदगी को ठप कर दिया है.

बेतिया

बेतिया पर बारिश की जबरदस्त मार पड़ी है. नेपाल की नदियों के रास्ते बेतिया में पहुंच रहा बारिश का पानी तांडव मचा रहा है. नदियों के उफान पर होने के चलते गांव से लेकर शहर तक पानी में डूबे हुए हैं. ऐसे हालात में लोगों के सामने पलानय के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं बचा. हालात ये हैं कि रेलवे ट्रैक भी पानी में डूब गए हैं. नरकटियागंज के कई गांव बाढ़ जैसे संकट से जूझ रहे हैं.

अररिया

अररिया के फारबिसगंज में बाढ़ में फंसे दूल्हा दुल्हन और बारातियों को ड्रम का नांव बनाकर विदाई दी गई. अररिया जिला प्रशासन ने लाख दावा किया गया हो बाढ़ को लेकर लेकिन हकीकत कुछ और है. बाढ़ का तांडव जारी है. लगातार नदियों के जलस्तर में वृद्धि होने से अब अररिया शहरी क्षेत्र में भी पानी प्रवेश कर गया है. शहर के प्रभावितों के लिए महिला कॉलेज को शिविर स्थल के रूप में चिन्हित किया था,अब वहां भी बाढ़ आ गई है. सर्किट हाउस में भी सैलाब का पानी आने से दिक्कत हो गयी है. बाढ़ से दर्जनों घरों में पानी आ गया है. प्रशासन के लाख घोषणा के बावजूद शहरी पीड़ितों के लिए कोई राहत कैम्प शुरू नहीं हो पाया है.


दरभंगा

बिहार के दरभंगा में बारिश ने से हाहहाकर मचा हुआ है. दरभंगा के कई गांव बाढ़ की चपेट में आने से यातायात पूरी तरह से प्रभावित है. दरभंगा जिला में इटहर पंचायत के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया, जिससे जिंदगी ठप सी हो गई. यहां के लोगों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से भी टूट गया है. लोगों के घर में बाढ़ का पानी घुस जाने से लोग जहां तहां आसरा ले रहे हैं. प्रशासन ने नाव तक मुहैया नहीं कराई. लोग निजी नावो पर दस रुपया देकर सफर करने के लिए मजबूर है.

सुपौल

सुपौल में कोसी नदी से सटे गांवों में आसमान से आफत बरस रही है. दर्जनों गांव ऐसे हैं जहां बाढ़ का पानी घुस गया है और लोग पलायन करने को मजबूर हो गए हैं. कोसी तटबंध के अंदर जो लोग रहते हैं, उसके सामने चारों तरफ मुसीबत पानी के रूप में खड़ी हो गई है. प्रशासन की कोशिशें भी पानी के आगे बेबस दिखाई देती हैं. तस्वीरें प्रशासन को चेतावनी भी दे रही हैं कि अगर जल्द हालात पर काबू नहीं पाया गया तो आने वाले दिन बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकते हैं.

मोतिहारी और सीतामढ़ी

लगातार हो रही बारिश मोतिहारी और सीतामढ़ी जिले के सीमावर्ती इलाकों में तबाही मचा रही है. पानी बढ़ने से नेपाल की सीमा से सटा लालबकेया और बागमती बांध कई जगहों पर टूट गया है, जिससे कई गांव पानी में डूब गए हैं. कुछ गांवों में पानी इतना ज्यादा बढ़ चुका है कि लोगों को अपने घरों की छतों पर गुजारा करना पड़ा रहा है.

सीतामढ़ी जिला भी भारी बारिश की चपेट में है. इस बीच रीगा से विधायक अमित कुमार को जब बाढ़ की सूचना मिली तो वो पटना से सीधे अपने क्षेत्र पहुंच गए. लेकिन हर तरफ पानी की वजह से गांव जाने वाले रास्ते बंद हो चुके थे. इस बीच विधायक ने एक ट्रैक्टर मंगाया और बाढ़ पीड़ितों से मिलने के लिए ट्रैक्टर पर ही सवार होकर निकल गए. विधायक अमित कुमार उस जगह तक भी पहुंच गए जहां प्रशासन पहुंचने में नाकाम रहा है. विधायक ने उस जगह का निरीक्षण किया जहां बांध टूटा हुआ है.

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