पटना: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बिहार में कांग्रेस को झटका लगा है. बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रामजतन सिन्हा मंगलवार को जेडीयू में शामिल हो गए. इस दौरान जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर भी मौजूद थे. पटना के बापू सभागार में अपने समर्थकों के साथ रामजतन सिन्हा जेडीयू में शामिल हुए. बाद में सीएम नीतीश कुमार ने भी पार्टी में उनका स्वागत किया.
रामजतन सिन्हा ने कहा, ''आज मेरे जीवन की एक नई शुरुआत है. इस दौर में जनता दल यूनाइटेड की सदस्यता आज हमने प्रदेश अध्यक्ष के मार्गदर्शन में ग्रहण की है और आगे की राजनीतिक जीवन इसी धारा के साथ बढ़नी है.'' उन्होंने कहा कि बिहार में जातीय उन्माद को रोकना हिंसा के महल को समाप्त करना है तो नीतीश कुमार को छोड़कर कोई दूसरा नाम नहीं है. हमारी मुलाकात मुख्यमंत्री से कुछ दिन पहले हुई और उन्होंने कहा कि बिहार में बिजली आ गई है, सड़क बने हैं नाली और गली बने हैं लेकिन अभी बहुत काम करना है.
सिन्हा ने आगे कहा कि बिहार में नीतीश कुमार ही एकमात्र विकल्प हैं. इसलिए हमने यह फैसला किया कि उनके नेतृत्व में आकर काम करें. मुख्यमंत्री चाहते हैं कि बिहार के नौजवानों को भी पॉलीटिकल ट्रेनिंग मिले. बिहार में ऐसा समय आएगा जब 243 विधानसभा क्षेत्रों में जेडीयू की मजबूत स्थिति दिखेगी.
नीतीश कुमार ने बांधे तारीफों के पुल
नीतीश कुमार ने कहा कि रामजतन सिन्हा जेडीयू ज्वाइन कर रहे हैं, इसकी खुशी है. पटना विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के अध्यक्ष भी रहे हैं. बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सहित अनेक पदों पर रहे हैं. एक प्रोफेसर के रूप में भी अपनी भूमिका निभाई. साइंस कॉलेज के प्रिंसिपल की भी भूमिका निभाई है. चाहे राजनीतिक क्षेत्र हो या शिक्षा का क्षेत्र हो दोनों में इनकी भूमिका विशिष्ट रही है. ऐसी परिस्थिति में इन्होंने यह निर्णय लिया कि जेडीयू के साथ रहेंगे और काम करेंगे तो यह आम बात नहीं है.
प्रशांत किशोर ने क्या कहा
इस मौके पर प्रशांत किशोर ने कहा कि रामजतन सिन्हा से मेरा नया-नया संबंध है. इनके लिए मेरे मन में काफी सम्मान भी है. पटना यूनिवर्सिटी के इलेक्शन के दौरान इनसे पहली बार मिलने का मौका मिला और 23 मुलाकातों में ही मुझे ऐसा लगा कि हम लोग साथ में मिलकर काम कर सकते हैं. आज पार्टी में शामिल किया जा रहा है इसके लिए मैं शुभकानाएं देता हूं. पार्टी में जो युवा लोग हैं वो इनसे प्रेरणा लेंगे.
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