नई दिल्ली: बिहार सरकार ने हाई लेवल मीटिंग में अधिकारियों के फोन ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस तरह का निर्णय पहले ही केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों में कर्नाटक ले चुकी है. केन्द्र और कर्नाटक सरकार ने भी हाई लेवल मीटिंग में फोन के इस्तेमाल पर रोक लगा रखी है.


हाई लेवल मीटिंग में फोन के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करने वालों राज्यों में बिहार का नंबर दूसरा है. इस संबंध में आदेश प्रशासनिक विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी आमिर सुबहानी ने गुरुवार को जारी किए हैं. जारी आदेश के मुताबिक सभी सचिवों और पुलिस अधिकारियों को इस संबंध में सूचना दे दी गई है.


सराकारी मीटिंग के दौरान किसी प्रकार का व्यवधान न पैदा हो इसके लिए यह निर्णय लिया गया है. मीटिंग के दौरान यह देखा जाता था कि अधिकारी अपने फोन में व्यस्त रहते हैं. इससे मीटिंग अच्छी तरह से नहीं हो पाती थी. इन्हीं सब कारणों को सरकार के इस कदम के पीछे मुख्य वजह माना जा रहा है. हाई लेवल मीटिंग के पैमाने में मुख्यमंत्री, विभाग के मंत्री, मुख्य सचिव और कमिश्नर जैसे अधिकारी की बैठकें शामिल हैं.


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साल 2016 में ही केन्द्रीय कैबिनेट की तमाम बैठकों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी. इस निर्णय के पीछे की मुख्य वजह साइबर सुरक्षा और कोई भी सरकारी गोपनीय जानकारी लीक न हो थी. इस साल कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारास्वामी ने भी सरकारी मीटिंग में व्यवधान से बचने के लिए मोबाइल फोन के इस्तेमाल को बैठक के दौरान बंद कर दिया था.


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