बिहार सरकार का दावा, अब तक 1 करोड़ 31 लाख लोगों के खाते में भेजे एक हजार रुपये
बिहार सरकार में चना एवं जन-संपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने कोरोना वायरस महामारी के बीच उठाए कदमों के बारे में बताया. उन्होंने कहा सरकार गरीब, मजदूरों के लिए उचित कदम उठा रही है.
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर सचिव सूचना एवं जन-सम्पर्क अनुपम कुमार, सचिव स्वास्थ्य लोकेश कुमार सिंह और अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी का एक प्रेस रिलीज जारी किया. इस रिलीज में अधिकारियों ने दावा किया कि सीएम ने जो भी काम करने को कहा उसे पूरा कर दिया गया.
सूचना एवं जन-संपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण की ताजा स्थिति को लेकर सरकार सभी आवश्यक कदम उठा रही है. कल हुई समीक्षात्मक बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी कक्षाओं के लिए ई-कंटेंट डेवलप करने का निर्देश दिया है ताकि विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने में सहूलियत हो सके. शिक्षा विभाग कक्षा छह से लेकर 12 तक के लिए ई-कंटेंट डेवलप कर चुका है.
'ऑनलाइन स्टडी को दिया बढ़ावा'
उन्होंने बताया कि उन्नयन बिहार के अन्तर्गत कक्षा नौ और 10 के छात्र-छात्राओं को भी ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है. इसके अलावा पाठ्यक्रम के टेक्स्टबुक को भी डिजीटलाइज करने का मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है ताकि सभी विद्यार्थियों को ये आसानी से शिक्षा उपलब्ध हो सके और वे उसका उपयोग कर सकें.
'सभी का बने आधार कार्ड'
अनुपम कुमार के अनुसार मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि सभी बचे हुए लोगों का आधार कार्ड बनवा दिया जाए. सभी प्रखंडों के आधार सेंटर्स को स्थायी रूप से फंक्शनल कर दिया जाए ताकि किसी को आधार कार्ड बनवाने में दिक्कत नहीं हो. जिलों में बने डीआरसीसी सेंटर में ऑनलाइन आधार कार्ड हेतु पूरी व्यवस्था कर दी जाए. कल तक 27 जिलों में यह व्यवस्था कर दी गयी है शेष जिलों में भी मुख्यमंत्री ने इसकी व्यवस्था करने का निर्देश दिया है. इससे शेष बचे परिवारों का आधार कार्ड बन जाएगा.
कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री ने श्रम संसाधन विभाग को निर्देश दिया है कि एक्स्ट्रा टाइम में वेजेज को लेकर क्लियरीफिकेशन निर्गत कर दिया जाय. उन्होंने बताया कि शहरी क्षेत्र के गरीबों के लिए अफोर्डेबल हाउसिंग (किफायती अवास) है, उन्हें रियायती दरों पर मुहैया कराने का नगर विकास एवं आवास विभाग को मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है.
'स्ट्रीट वेंडर्स को मिले योजनाओं का लाभ'
अनुपर कुमार ने कहा कि बिहार में स्ट्रीट वेंडर्स की संख्या काफी है मुख्यमंत्री ने स्ट्रीट वेंडर्स का सर्वे ठीक से कराने का निर्देश दिया है ताकि कोई भी स्ट्रीट वेंडर्स छूटे नहीं और उनके लिए जो भी योजना बने, उसका पूरा लाभ उन्हें मिल सके. सचिव ने बताया कि वर्तमान में आपदा राहत केंद्रों की संख्या 152 है, जिसका 70,000 लोग लाभ उठा रहे हैं.
'दूसरे राज्यों में फंसे लोगों की समस्या का कर रहे समाधान'
उन्होंने बताया कि ब्लॉक क्वारंटीन केंद्रों की संख्या बढ़कर 8,661 हो गई है, जिसमें 6 लाख 40 हजार 399 लोग रह रहे हैं. लॉकडाउन में बाहर फंसे लोगों से अब तक दो लाख 18 हजार कॉल/मैसेजे प्राप्त हुए हैं जिसके आधार पर संबंधित राज्य सरकारों एवं प्रशासन से समन्वय स्थापित कर उनकी समस्याओं का निरंतर समाधान कराया जा रहा है.
'एक करोड़ 31 लाख लोगों के खाते में भेजे एक हजार रुपये'
कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष से मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना अंतर्गत बाहर फंसे 20,3,318 लोगों के खाते में एक हजार रूपये भेज दिए गए हैं .अनुपम कुमार ने बताया कि अधिक से अधिक रोजगार सृजन हो, इसके लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं. रोजगार सृजन के लिए लगभग चार लाख 13 हजार योजनाओं के अन्तर्गत अब तक दो करोड़ 64 लाख से ज्यादा मानव दिवस सृजित किए जा चुके हैं. अभी तक एक करोड़ 31 लाख राशन कार्डधारी परिवारों के खाते में एक हजार रूपये की राशि भेज दी गई है.
इसके अलावा जीविका और एनयूएलएम से जो राशनकार्ड-विहीन परिवार चिन्हित थे, उनमें से अभी तक 13 लाख परिवारों को यह राशि दे दी गई है और शेष चिन्हित परिवारों के खाते में राशि भेजने की प्रक्रिया जारी है. राशन कार्ड बनाने का काम तेजी से चल रहा है और अब तक 8 लाख 40 हजार राशनकार्ड-विहीन परिवारों के नए राशन कार्ड बनाए जा चुके हैं.
'4500 बसों की व्यवस्था की'
दूसरे राज्यों से आने के इच्छुक लोगों को जल्द से जल्द बिहार लाकर उन्हें गंतव्य तक पहुंचाने के लिए अधिक से अधिक ट्रेनों और लगभग 4,500 बसों की व्यवस्था की गई है. कल के लिए 70 ट्रेनें शिड्यूल्ड हैं. इन ट्रेनों में 1 लाख 14 हजार 200 लोग ट्रेवल करेंगे. बाहर से जो भी लोग बिहार आने के इच्छुक हैं उन्हें लाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है.
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