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बिहार सरकार ने कहा- कुछ शरारती लोग जानबूझकर क्वॉरंटीन सेंटर पर कर रहे हंगामा
बिहार सरकार का कहना है कि सरकार क्वॉरंटीन सेंटर पर बढ़िया क्वालिटी का खाना पहुंचाने के साथ-साथ कई तरह की सुविधाएं दे रही है लेकिन फिर भी कुछ शरारती तत्व वहां जानबूझकर हंगामा कर रहे हैं.
![बिहार सरकार ने कहा- कुछ शरारती लोग जानबूझकर क्वॉरंटीन सेंटर पर कर रहे हंगामा Bihar government said some mischievous people are deliberately creating ruckus at the Quarantine Center ANN बिहार सरकार ने कहा- कुछ शरारती लोग जानबूझकर क्वॉरंटीन सेंटर पर कर रहे हंगामा](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/05/15125820/coronavirus-delhi-1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
पटना: देशभर में लॉकडाउन के चौथे चरण के साथ मजदूरों का पलायन भी लगातार जारी है. वहीं बिहार के सूचना एवं जन-संपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने बताया कि सकोरोना संक्रमण की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री के स्तर पर लगातार समीक्षा की जा रही है और लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं.
अनुपम ने बताया कि बिहार के सभी प्रखंड और पंचायत स्तरीय क्वॉरंटीन सेंटर पर बढ़िया भोजन, रहने की सुविधा और डॉक्टर सुविधा दी गई है. क्वॉरंटीन सेंटर पर लोगों को हर प्रकार की सहूलियत प्रदान करने के लिए सभी अधिकारी पूरी मुस्तैदी से लगे हुए हैं. उन्होंने ये भी बताया कि कुछ जगहों पर निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा क्वॉरंटीन सेंटर पर कई लोगों को उकसाकर जान-बूझकर अव्यवस्था फैलाई जाती है ताकि नकारात्मक खबरें छप सके. यहां सोचने वाली बात यह है कि क्वॉरंटीन सेंटर में लोगों को रखने में सरकार का क्या स्वार्थ हो सकता है? बाहर से आए लोगों को क्वॉरंटीन सेंटर में रखने की क्या जरुरत है ? इसमें सरकार का क्या फायदा है?
'है चुनौतिपूर्ण कार्य'
अनुपम ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि सबसे आसान काम है लोगों को घर छोड़ देना और इसमें सरकार को अपने स्तर से कुछ करने की जरूरत भी नहीं पड़ती लेकिन प्रवासी मजदूरों के अपने-अपने गांव जाकर घर में रहने से उनका पूरा परिवार और समाज संक्रमित हो जाएगा और इससे इन्फेक्शन काफी बड़े पैमाने पर फैल जाएगा. हालांकि यह कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण है फिर भी लोगों, उनके परिवारों और पूरे समाज के हित को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा इसे कार्यान्वित किया जा रहा है.
'सभी कोरोना से लड़ रहे हैं'
कुमार ने कहा, "लोगों को सीधे घर भेजा जा सकता है, लेकिन सरकार का उद्देष्य लोगों को इस कोरोना संक्रमण से बचाना है और इसे फैलने से रोकना है. सरकार द्वारा अगर आसान रास्ता अपनाया गया तो हम सब लोग परेशानी में पड़ेंगे और बाद में इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? हम सभी को सहयोग करना चाहिए. हम यह नहीं भूलें कि हम सब कोरोना संक्रमण से लड़ रहे हैं और यही महत्वपूर्ण बात है."
'समस्याओं का लगातार किया जा रहा समाधान'
अनुपम ने बताया, "अस्थाई परेशानियों के कारण हम बड़े संकट को नजरअंदाज नहीं कर सकते. कुछ समस्याएं तो होंगी पर उनका लगातार समाधान भी किया जा रहा है और हमारे अधिकारी दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि लोग आश्वस्त रहें, सरकार उनके हित में बेस्ट पॉसिबल कदम उठा रही है. उक्त बातों पर गहराई से विचार करते हुए यह वक्त बिना मीन मेख निकाले संवेदनशीलता के साथ एकजुट होकर सहयोग करने का है, तभी हम सब इस महामारी पर विजय प्राप्त कर सकेंगे."
अनुपम कुमार ने बताया कि आपदा राहत केंद्रों की संख्या 151 हैं, जिस पर 76,500 लोग लाभ उठा रहे हैं. ब्लॉक क्वॉरंटीन सेंटरों की संख्या बढ़कर 7,840 हो गई है, जिसमें 5 लाख 45 हजार लोग आवासित हैं. प्रवासी श्रमिकों के आने का सिलसिला बढ़ने से संक्रमण का प्रतिशत भी बढ़ा है. बाहर से आने वाले लोग क्वॉरंटीन सेंटर की बजाय सीधे यदि अपने घर चले जाएं तो संक्रमण फैल सकता है.
'गरीबों के खाते में भेजे 1000 रुपये'
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष से मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना अंतर्गत बाहर फंसे 20 लाख 3 हजार 318 लोगों के खाते में 1,000 रूपये की राशि भेज दी गई है. अधिक से अधिक रोजगार सृजन हो, इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. रोजगार सृजन के लिए 4 लाख 11 हजार योजनायें फंक्शनल हैं और अब तक 2 करोड़ 52 लाख से ज्यादा मानव दिवस सृजित किए जा चुके हैं. 8 लाख 7 हजार राशन कार्ड विहीन परिवारों के ने राशन कार्ड बनाए जा चुके हैं.
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