बिहार: चमकी बुखार को लेकर चल रही थी मीटिंग, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे पूछ रहे थे क्रिकेट का स्कोर
बिहार के मुजफ्फरपुर में अबतक चमकी बुखार से 103 बच्चों की जान जा चुकी है. इसको लेकर कल रविवार को जब बिहार के स्वास्थ्य विभाग की मीटिंग चल रही थी तब राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे क्रिकेट मैच का स्कोर पूछ रहे थे.
पटना: बिहार में चमकी बुखार से हो रही मौतों से हर तरफ मायूसी का माहौल है और लोग परेशान हैं. त्रासदी का रूप धारण कर चुकी इस बीमारी को लेकर जब रविवार 16 जून को बिहार के स्वास्थ्य विभाग की मीटिंग चल रही थी तब राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने गैर जिम्मेदाराना और असंवेदनशील व्यवहार का परिचय दिया. मंगल पांडे इस जरूरी मीटिंग में भले ही मौजूद थे लेकिन उनका ध्यान क्रिकेट मैच पर ज्यादा था. इस मीटिंग के दौरान वे क्रिकेट मैच का स्कोर पूछ रहे थे.
बता दें कि बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से अबतक 103 बच्चों की मौत हो चुकी है. रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित श्रीकृष्ण सिंह मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे थे और वहां की स्थिति की जायजा लिया था.
#WATCH Bihar Health Minister Mangal Pandey asks for latest cricket score during State Health Department meeting over Muzaffarpur Acute Encephalitis Syndrome (AES) deaths. (16.6.19) pic.twitter.com/EVenx5CB6G
— ANI (@ANI) June 17, 2019
इसके अलावा कल जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन मीडिया से बात कर रहे थे तब अश्विनी चौबे की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई जिसमें वो सोते दिखाई दे रहे हैं. आरजेडी ने इसपर निशाना साधते हुए कहा, 200 बच्चों की जान जाने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस हो रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे उसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सो रहे हैं. बिहार सरकार के मंत्री भी जम्हाई ले रहे. जाने इनकी मानवीय संवेदना कहाँ मर गई? सीएम तो गहरी निद्रा में है ही?'' जब इसको लेकर अश्विनी चौबे से सवाल किया गया तो उन्होंन कहा कि वे मनन और चिंतन कर रहे थे. उन्होंने कहा, ''मैं मनन चिंतन भी करता हूं न, मैं सो नहीं रहा था.''
उधर आरजेडी नेता तेजप्रताप यादव ने चमकी बुखार को लेकर नीतीश कुमार को निशाना साधा. तेज प्रताप ने कहा, ''सुशासन बाबू, माना कि ये 5-10 वर्ष के मासूम बच्चे किसी दल के वोटर नहीं हैं लेकिन क्या इन सैकड़ों मासूमों की जान आपके सुशासन की जिम्मेदारी नहीं हैं? नीतीश बाबू हम राजनीति बाद में कर लेंगे अभी इन मासूमों की जिंदगी ज्यादा जरूरी है. कुछ भी कीजिए इन बच्चों को बचा लीजिए.''