पटना: बिहार में अब आईटीआई पास किए छात्रों को 12वीं की परीक्षा पास किए हुए छात्रों के बराबर माना जाएगा. इस बात का एलान राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने किया. यह फैसला श्रम संशाधन विभाग की बैठक में लिया गया. इसमें श्रम मंत्री विजय कुमार सिन्हा और मंत्रालय के मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह मौजूद थे. एक विज्ञप्ति के मुताबिक सुशील मोदी ने कहा, ''जो छात्र आईटीआई में इनरॉल होते हैं वे अक्सर आगे की पढ़ाई नहीं कर पाते हैं. इसलिए हमने फैसला किया है कि उन्हें जो सर्टिफिकेट दिया जाता है, उसे 12वीं के बराबर माना जाएगा.''
सुशील मोदी ने कहा कि आईटीआई के कई छात्रों को कंप्यूटर औऱ वेबकास्टिंग के जरिए ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके अलावा कई छात्रों को जानी मानी कंपनियों में भी ट्रेनिंग दी गई है. वहीं दिल्ली से सटे फरीदाबाद में यामाहा मोटर्स के कारखाने में 300 से अधिक छात्रों को ट्रेनिंग दी जा रही है.
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि सैमसंग इंडिया ने वूमेंस आईटीआई पटना के पास एक ट्रेनिंग सेंटर भी खोला है. वहीं मुजफ्फरपुर, पटना और भागलपुर में मारुति सुजुकी वर्कशॉप चला रही है. उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा, ''10 लाख कंस्ट्रक्शन के काम से जुड़ें मजदूरों को राज्य श्रम मंत्रालय के साथ पंजीकृत किया गया है. इसमें से करीब एक लाख रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन हुआ है. कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री पर लगाए गए सेस से हर साल बिहार को 265 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है.''