नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार की मंत्रिमंडल में मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा एनडीए को छोड़ेगे या या फिर बीजेपी उन्हें गुड बाय कहेगी, इसपर सबकी निगाहें टिकी हैं. बीजेपी, नीतीश कुमार और रामविलास पासवान सब एक हो गए हैं. अब कुशवाहा ने भी 30 नवंबर तक का डेडलाइन दिया है. कुल मिलाकर शह और मात का खेल चल रहा है.


दरअसल जेडीयू नहीं चाहती कि कुशवाहा अब एनडीए में रहें. वहीं लोक जनशक्ति पार्टी भी इस मामले में नीतीश के साथ आ गई है. चिराग पासवान भी कुशवाहा के जाने से दुखी नहीं है. जबकि बीजेपी के कई नेता कुशवाहा के बीजेपी में रहने से फायदा की बात कह रहे हैं. बीजीपी के सांसद डॉ सीपी ठाकुर ने कुशवाहा को एनडीए से बाहर जाने की स्थित में नुकसान की आशंका जता दी है.


महागठबंधन में शामिल होने के लिए लगातार मिल रहे न्यौतों से उत्साहित कुशवाहा अब पूरी तैयारी में हैं. बीजेपी प्रभारी भूपेंद्र यादव और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह कुशवाहा से बातचीत का रास्ता लगभग बंद हो चुका है. कुशवाहा का कहना है कि वे बीजेपी के किसी नेता से नहीं मिलेंगे, सिर्फ पीएम मोदी से बात करेंगे. पीएम से मुलाकात का समय अभी मांगा नहीं है क्योंकि महागठबंधन में कुशवाहा के मांगे गए सीटों पर आखिरी निणर्य बाकी है. ऐसे में कुछ और वक्त एनडीए में रहेंगे. बिहार के डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता सुशील मोदी कुशवाहा के शहीद होने की बात कह चुके हैं. कुशवाहा भी मोदी पर निशाना साध रहे हैं.


मंगलवार को पटना में बीजेपी के प्रवक्ता शहनवाज हुसैन ने भी उपेन्द्र कुशवाहा पर इशारों में चेतावनी दे दी. शहनवाज ने कहा कि राष्टीय नेता की नज़र में सब है. इसपर भी फैसला होगा लेकिन तीन राज्यों में हो रहे चुनाव के बाद ये होगा. वहीं जेडीयू खुलकर उपेन्द्र कुशवाहा पर वार कर रही है. जेडीयू प्रवक्ता नीरज सिंह ने कुशवाहा की पार्टी के परिवार नियोजन होने की बात कह दी.


अब सवाल है कि बीजेपी और जेडीयू के बीच बराबर सीटों का तालमेल हो गया है तो कुशवाहा के लिए छोड़ी सीटों का क्या होगा? अगर 17-17 सीटों पर बीजेपी जेडीयू है तो चार सीटें लोक जनशक्ति पार्टी के लिए और एक सीट रामविलास पासवान के राज्य सभा जाने की बात तय हो गई है तो दो बची सीटें या तो जेडीयू बीजेपी बांट लेगी या फिर दो सीट लोक जनशक्ति पार्टी को मिल सकता है.


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