नई दिल्ली: बिहार की राजधानी पटना में कांग्रेस दफ्तर के बाहर लगा पोस्टर चर्चा में है. इस पोस्टर में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित बिहरा के कई नेताओं की तस्वीर पर उनकी जाति का जिक्र किया गया है. सियासी गलियारे से भी इस पोस्टर को लेकर प्रतिक्रिया आई है. बिहार में सत्तारूढ़ जेडीयू ने कांग्रेस के इस पोस्टर को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. जेडीयू के महासचिव श्याम रजक ने कहा कि ये देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. जाति की राजनीति करना आने वाली पीढ़ी के लिए खतरनाक संकेत है. जो इस तरह की राजनीति करते हैं, वे देश में समतामूलक समाज के लिए खतरा हैं.
वहीं आरजेडी ने कांग्रेस का बचाव किया है. आरजेडी प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा कि देशभर में जाति के नाम पर राजनीति फैल गई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक खास समुदाय की पार्टी होने का आरोप लगता रहा है. ऐसे में उन्होंने इस पोस्टर से यह दिखाने की कोशिश की है कि उनके पास हर समुदाय का समर्थन है. क्या कांग्रेस आने वाले चुनाव में जाति के नाम पर वोट मांगेगी, इसका जवाब देते हुए आरजेडी प्रवक्ता ने कहा कि ऐसा नहीं है.
क्या है पोस्टर में?
कांग्रेस दफ्तर के बाहर लगे पोस्टर में राहुल गांधी को ब्राह्मण, नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा की तस्वीर के ऊपर ब्राह्मण, बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल को राजपूत और सहप्रभारी अल्पेश ठाकोर को पिछड़े समुदाय का बताया गया. वहीं इस पोस्टर पर सफाई देते हुए कहा था कि कांग्रेस पर सवर्णों की पार्टी होने का आरोप लगता है लेकिन इस पोस्टर में साफ है कि पार्टी में सभी समुदाय के लोग हैं. मदन मोहन झा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी पर कभी ये आरोप नहीं लगा कि वो सिर्फ मुस्लिमों की पार्टी है.