(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बिहार: जेडीयू ने बीजेपी को दिया 50-50 फॉर्मूला, पहले पासवान-कुशवाहा में हो सीट बंटवारा
दरअसल, बीजेपी तीन राज्यों में चुनाव का हवाला देकर इस बिहार के विवाद को टालना चाहती है लेकिन जेडीयू सीटों को संख्या को लेकर काफी गंभीर है और इसे जल्द सार्वजनिक किए जाने की मांग पर कायम है.
नई दिल्ली/पटना: बिहार में एनडीए में जारी सीट बंटवारे की कवायद के बीच बड़ी खबर आ रही है. जेडीयू ने बीजेपी को सीट बंटवारे का 50-50 फॉर्मूला दिया है. इसके तहत पहले गठबंधन में सहयोगी पार्टी एलजेपी और आरएलएसपी को सीटें दे दी जाएं और बाकी बची सीटों को जेडीयू और बीजेपी में बराबर बराबर यानि 50-50 बांट दिया जाए.
हालांकि, सीट बंटवारो को लेकर दूसरी सहयोगी पार्टियों, रामविलास पासवान की एलजेपी और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी ने पेंच फंसा दिया है. इस खींचतान के बीच माना जा रहा है कि इस महीने के आखिर तक सीट बंटवारे को लेकर सहमति पर मुहर लग जाएगी. जेडीयू के टॉप लेवल के नेताओं की मानें तो बीजेपी और जेडीयू के बीच सीटों के तालमेल का एलान किसी भी वक्त हो सकता है. सूत्र बताते हैं कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बीच सीटों को लेकर सहमति बन गई है, बस एलान होना बाकी है. सूत्र बताते हैं कि बीजेपी को सिर्फ रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी से तय करना है कि उनको कितनी सीटे देनी है.
सूत्र कह रहे हैं कि जेडीयू और बीजेपी के बीच बराबर-बराबर सीटों पर लड़ने का फॉर्मूला तय हो गया है. इससे पार्टी के नेता काफी उत्साहित हैं. जेडीयू प्रवक्ता संजय सिंह के मुताबिक मामले में खुशखबरी मिलने ही वाली है.
वहीं, एलजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति पारस ने ये कहकर सबको चौंका दिया कि अबतक कोई बात फाइनल नहीं हुई है. एलजेपी ने तो अब यूपी और झारखंड में भी सीटों की मांग कर दी है. नीतीश कैबिनेट में मंत्री और एलजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, "पूरे देश में अभी सीटों पर कोई बंटवारा नहीं हुआ है. सभी लोग जिन पांच राज्यों में चुनाव होने जा रहा है उसमें व्यस्त हैं. यह अखबार की ख़बर है कि सीटों का बंटवारा हो गया है. यह किसी दल की ख़बर नहीं है और ना ही बीजेपी की या एलजेपी की या किसी और पार्टी की."
जब उनसे पूछा गया कि वो कितनी सीटें चाहते हैं तो उन्होंने कहा कि यह तो बैठक में बताएंगे मगर हम 2014 में सात सीट पर लड़े थे और सात में छः जीते थे. वहीं, सातवां भी जीते थे मगर प्रशासन द्वारा हमें हराये गया. उन्होंने कहा, "हमारा उम्मीदवार कम वोट से हारा था. हमारी पार्टी का ग्राफ बढ़ा है इसलिए हम डिमांड करेंगे कि हमारी पार्टी को सात सीट मिले मिले. बगल में झारखंड है और भी यूपी है. वहां हमारी पार्टी का काफी अच्छा जनाधार है. बोकारो, गिरीडीह, जमशेदपुर, पलामू में हमारी पार्टी का बिहार से भी अच्छा जनाधार है. इसलिए हम बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मांग करेंगे वो हमको वहां भी सीट दें जिससे एनडीए फायदा में होगा." आरएलएसपी नेता उपेंद्र कुशवाहा ने भी एबीपी न्यूज़ से कहा है कि बातचीत हो रही है अभी कुछ तय नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सवाल ये उठता है कि आखिर पेंच कहां अटका है.
दरअसल, बीजेपी तीन राज्यों में चुनाव का हवाला देकर इस बिहार के विवाद को टालना चाहती है लेकिन जेडीयू सीटों को संख्या को लेकर काफी गंभीर है और इसे जल्द सार्वजनिक किए जाने की मांग पर कायम है ताकि आखिरी समय में कोई मलाल न रहे. बाकी दोनों पार्टियां बीजेपी से ज़्यादा सीट लेने को लेकर दबाव बनाए हुए है.