नई दिल्ली: बिहार के नालंदा में एक गरीब परिवार का नाबालिग लड़का चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. लेकिन रविवार को एक स्थानीय अदालत ने सजा के बजाय उसे राशन, कपड़ा और अन्य आवश्यक सामान मुहैया कराया. स्थानीय अदालत में सुनवाई के बाद जज ने यह कहते हुए लड़के पक्ष में निर्णय दिया कि उसे सुधार करने का मौका दिया गया है.


लड़के का नाम नरेंद्र राव है और उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया था. लड़के ने बताया: "मैं चोरी करके भाग रहा था और पुलिस ने मुझे पकड़ लिया. स्थानीय लोग मुझे पीटने के लिए इकट्ठा हुए थे. मेरी पिटाई की जा रही थी और फिर पुलिस मुझे जेल ले गई" नरेंद्र ने बताया, "बाद में जब मुझे अदालत में पेश किया गया, तो जज ने मेरी हालत को समझा और महसूस किया कि मैं चोरी करने में क्यों उलझ गया. मेरी मां बीमार थी और हमारे पास खाना नहीं था. मैं उसे कुछ खिलाना चाहता था.


इस बीच, एक जिला अधिकारी ने कहा कि परिवार के पास राशन कार्ड है और उन्हें सरकार की पेंशन योजना का लाभ भी मिल रहा है. हालांकि, उनके पास कोई आश्रय नहीं है. उन्होंने कहा, "उनके पास एक राशन कार्ड है और वे सरकारी योजना के तहत पेंशन प्राप्त कर रहे हैं. उनके पास घर नहीं है क्योंकि उनका नाम आधिकारिक आंकड़ों में नहीं था. यही कारण है कि वे आवास योजना से वंचित रह गए. हमने उन्हें कुछ आवश्यक सुविधाएं प्रदान की हैं.''


गांव के लोगों ने भी अदालत के फैसले की सराहना की और उम्मीद जताई कि इस फैसले से लड़के को सही रास्ते पर चलने में मदद मिलेगी.


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