पटना: लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव इन दिनों पार्टी और परिवार दोनों से खिन्न हैं. हाल ही में तेजप्रताप की शादी हुई है. शादी के बाद से वो मीडिया से दूरी बनाए हुए हैं और परिवार में ज़्यादा वक्त दे रहे हैं. लेकिन अचानक उनके एक ट्वीट ने सबको चौंका दिया. तेजप्रताप के ट्वीट में उनका दर्द साफ झलक रहा है. तेजप्रतात ने ट्वीट किया, ''मेरा सोंचना है कि मैं अर्जुन को हस्तिनापुर की गद्दी पर बैठाऊं और खुद द्वारका चला जाऊँ. अब कुछेक "चुग्लों" को कष्ट है कि कहीं मैं किंग मेकर न कहलाऊं. राधे राधे''





इस ट्वीट में तेजप्रताप का दर्द तो साफ साफ झलक ही रहा है लेकिन उन्होंने उनलोगों को सबक सिखाने का ऐलान भी है जो तेजप्रताप को तंग कर रहे है. आखिर वे चुगली करने वाले कौन हैं, ये सवाल इस ट्वीट से पैदा हो रहा है.



इतना ही नहीं तेजप्रताप यादव ने स्थानीय चैनल से अपना दर्द भी शेयर किया. उन्होंने कहा, "भाई भाई को लड़वाना चाहते हैं पार्टी के लोग. राजद में कुछ असामाजिक तत्व आ गया है जो भाई भाई में लड़वाना चाहते हैं. मेरी बात को पार्टी के नेता नहीं सुनते. मेरी नाराजगी इस बात की है कि छात्र राजद मेहनत करता है लेकिन उस पर किसी का ध्यान नहीं.''


लालू यादव के बड़े बेटे ने कहा, मैं पार्टी का सम्मान करता हूं. तेजस्वी को गद्दी दे कर मैं द्वारिका चला जाऊंगा. मैं कही भी रहूंगा पर राजनीति करूंगा. राजेन्द्र पासवान जैसे नेता का पार्टी में सम्मान होना चाहिए. मैंने पूर्वे जी से राबड़ी देवी, लालू यादव और तेजस्वी से भी बात की तब जा कर राजेन्द्र प्रसाद को पार्टी में जगह मिली.'' तेजप्रताप यादव ने आगे कहा, ''हम राजद के किसी नेता को किसी काम के लिए फोन करते हैं तो रिस्पॉन्स नहीं दिया जाता है. बोला जाता है ऊपर से दबाब है. हमकुछ नहीं कर सकते.''


बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि कुछ असामाजिक तत्व मेरा, तेजस्वी, मीसा भारती और राबड़ी देवी का नाम लेकर गलत काम करते हैं. वैसे लोगों को पार्टी से निकाला जाए जो अनुशासन में नहीं हैं. उन पर करवाई हो.''


तेजप्रताप ने कहा, ''तेजस्वी मेरे कलेजे का टुकड़ा है. मां और पिता से हम बेहद प्यार करते हैं और वो भी मुझे बहुत प्यार करते हैं. पत्नी से भी बात होती है. यह सब मामला जब हम पत्नी को बताए तो वे भी शॉक्ड हो गईं. छात्र राजद के लोग काम करते हैं. जनता की सेवा अपना पैसा लगा कर करते हैं लेकिन उन्हें तव्वजो नहीं दिया जाता. मैंने गांधी मैदान के मंच से तेजस्वी को अपनी गद्दी दे दी है.''