पटना: बिहार में महागठबंधन में विधानसभा चुनाव के मद्देजनर सीटों को लेकर अभी से खींचतान बढ़ गया है. ये इतना बढ़ गया है कि कांग्रेस को पुराने जख्म याद आ रहे हैं, जो महागठबंधन के लिए शुभ संकेत नहीं है. कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने बगैर किसी पार्टी का नाम लिए कहा कि साल 200 में कांग्रेस को आखिरी वक्त में धोखा मिला था और सभी सीटों पर चुनाव लड़ना पड़ा. उनका इशारा लालू यादव की पार्टी आरजेडी की तरफ था. सदानंद सिंह ने उस पुराने सबक से सीख लेते हुए नसीहत भी दी.
सदानंद सिंह ने कहा कि एक-आध बार हमने धोखा खाया है. साल 2000 में अचानक हमारा समझौता टूट गया था और हमको सारी सीटों पर लड़ना पड़ा था. तैयारी तो हमें करनी ही पड़ेगी. अगर अचानक कोई पार्टी गठबंधन में लड़ने को नहीं तैयार हुआ तो हमें तो लड़ना ही होगा. हालांकि, उन्होंने अपनी बात को संभालने की कोशिश की और कहा कि ऐसी कोई संभावना नहीं है.
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कांग्रेस नेता ने कहा कि संभावनाओं को देखते हुए हमलोग तैयारी करते हैं. अगर सभी सीटों पर तैयारी करते हैं तो इसका फायदा अंततः घटक दलों को ही होगा. अलग-अलग रहकर कोई शक्तिशाली काम नहीं कर सकता. हमलोग बचपन में पढ़ा करते थे कि एक लाठी को तोड़ने की शक्ति सबको है और जब कई लाठियां एक साथ जुट जाएं तो उसे कोई तोड़ नहीं सकता. इसलिए सभी धर्म निरपेक्ष दलों को एक होना होगा.
सदानंद सिंह के इस बयान का जवाब आरजेडी के सीनियर नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने दिया. सिद्दीकी ने कहा कि गठबंधन का फैसला शीर्ष नेतृत्व करता है. सिद्दीकी ने कहा कि उनकी जो राय होगी वो अपनी पार्टी में देंगे. अगर किसी कारणवश गठबंधन नहीं बनता है तो ये भी शीर्ष नेतृत्व को ही तय करना है. आरजेडी नेता ने कहा कि गठबंधन की मजबूरी भी होती है. कुछ मजबूत सीटों को देना पड़ता है तो कुछ लेना पड़ता है. हम सारी की सारी सीटों को जीतने के लिए तैयारी करेंगे. गठबंधन का जो फैसला होगा वो स्वीकार होगा.