बिहार में अगले साल होंगे विधानसभा चुनाव, राजनीतिक दलों के बीच ज्यादा सदस्य जोड़ने का कंपटीशन शुरू
बिहार में राजनीतिक दल सदस्यता अभियान के जरिए लोगों के बीच अपनी पैठ बनाने में लगे हैं. राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. सभी पार्टी दावा कर रही है कि वह सूबे की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है.
पटना: बिहार में इन दिनों सभी दलों में ज्यादा से ज्यादा सदस्य जोड़ने का मुकाबला चल रहा है. इतना ही नहीं बूथ लेवल पर पार्टी को सक्रिय बनाने की होड़ लग गई है. यूं कहें तो अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कौन किसपर भारी पड़ेगा इसकी आजमाइश अभी से शुरू हो गई है. सभी पार्टियों ने अपनी ताकत झोंक दी है. आरजेडी ने आज पटना में सदस्यता अभियान की शुरुआत की. इसमें तेजस्वी यादव के आने की संभावना थी लेकिन वे नहीं आए. ऐसे में आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्व ने मोर्चा संभाला.
रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि अगस्त क्रांति के अवसर पर आरजेडी ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की है. लोगों में काफी उत्साह है. इसके लिए हमारी तैयारी पूरी है. हमारा लक्ष्य कम से कम 50 लाख सदस्य पूरा करने का है. पूर्वे ने दावा किया कि उनकी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी है. उन्होंने कहा कि जनाधार के दृष्टिकोण से आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी है. उन्होंने कहा कि उनके पास लालू यादव जैसे करिश्माई नेता हैं. बता दें कि साल 2015 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी ने सबसे ज्यादा 80 सीटों पर कब्जा जमाया था.
वहीं बिहार में सत्ता पर काबिज जेडीयू ने कहा कि बिहार में उनकी पार्टी से बड़ा कोई राजनीतिक दल नहीं है. पार्टी प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि जेडीयू बाकी पार्टियों की भीड़ से अलग दिखती है. बिहार के मुख्यमंत्री और पार्टी के अध्यक्ष नीतीश कुमार का कद बहुत बड़ा है. उन्होंने बताया कि बिहार में टोले से लेकर कस्बों तक उनकी पार्टी के सदस्यता अभियान को समर्थन मिल रहा है. राजीव रंजन ने कहा कि जल्द ही पार्टी के सदस्यों के संख्या की घोषणा की जाएगी. उन्होंने कहा कि हर बूथ पर एक बूथ कमिटी बना सके, इसके लिए उनकी पार्टी प्रयत्नशील है. पिछले विधानसभा चुनाव में जेडीयू दूसरे नंबर पर रही थी और 71 सीटें जीती थीं.
जेडीयू के साथ गठबंधन में शामिल बीजेपी ने भी अपनी पूरी ताकत लगा दी है. बीजेपी नेता निखिल आनंद ने कहा कि सदस्यों की संख्या में 25 फीसदी इजाफा करने का लक्ष्य किया गया है. पहले से पार्टी के पास 60 लाख सदस्य हैं. समाज के सभी वर्गों में इसको लेकर काफी उत्साह है. पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के काम से लोग बहुत प्रभावित हैं. इस बाद पार्टी का सदस्यता अभियान रिकॉर्ड कायम करेगा. निखिल आनंद ने कहा कि उनकी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी है और इसमें परिवारवाद नहीं है. हम बूथ स्तर तक हम संगठन को ले जाने की प्रक्रिया में लगे हैं. बीजेपी ने पिछले विधानसभा चुनाव में 53 सीटे जीती थीं और तीसरे नंबर पर रही थी.
उधर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी रेस में हैं और अपनी पार्टी 'हम' को किसी से कमतर नहीं आंक रहे हैं. उन्होंने कहा कि जी जान से पार्टी का विस्तार करेंगे. मांझी ने कहा कि सदस्य ही किसी पार्टी की पूंजी होते हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी के आधार का विस्तार करने के लिए पांच लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य है. इसमें पांच हजार आजीवन सदस्य बनेंगे. हर बूथ पर कम से कम पांच एक्टिव सदस्य रहेंगे. हमलोग ग्राउंड लेवल पर है. उसे और मजबूत करने के लिए आज हम सदस्यता अभियान चला रहे हैं. 2015 के विधासनभा चुनाव में मांझी की पार्टी कुछ खास नहीं कर पाई थी. पार्टी महज एक सीट जीतने में कामयाब हो पाई थी.