बिहार: चमकी बुखार से अब तक 69 बच्चों की मौत, स्वास्थ्य मंत्री का बेतुका बयान, कहा-मौत के लिए नियति जिम्मेदार
अक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम यानि एईएस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 69 हो गई है. उधर बच्चों की मौत को लेकर बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने विवादित बयान दिया है.
नई दिल्ली: बिहार में मुजफ्फरपुर और उसके आस-पास के इलाके में चमकी बुखार का प्रकोप जारी है. इससे मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 69 हो गई है. बिहार के मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ. शैलेष प्रसाद सिंह ने इस बात की जानकारी दी.
शैलेष प्रसाद सिंह ने बताया, 'अक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम यानि चमकी बुखार के चलते अब तक 69 बच्चों की मौत हो चुकी है. इनमें से 58 बच्चों की मौत श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज में और 11 बच्चों की मौत केजरीवाल अस्पताल में हो गई है.'
Dr. Shailesh Prasad Singh, Civil Surgeon, Muzaffarpur: Death toll rises to 69 due Acute Encephalitis Syndrome (AES). 58 died at Sri Krishna Medical College and Hospital and 11 at Kejriwal Hospital. #Bihar pic.twitter.com/TCHAavsRJI
— ANI (@ANI) June 15, 2019
लगातार बच्चों की हो रही मौत पर जहां बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चिंता जाहिर कर रहे हैं तो वहीं उनके स्वास्थ्य मंत्री ने बेतुका बयान दिया है. बिहार में 69 बच्चों की मौत से बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि बच्चों की मौत के लिए नियति और मौसम जिम्मेदार है. बता दें कि बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय 14 जून को मुजफ्फरपुर में श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज ऐंड हॉस्पिटल में मरीजों का हालचाल जानने गए थे.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन जाएंगे मुजफ्फरपुर
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन रविवार को मुजफ्फरपुर जाएंगे. वह यहां पर चमकी बुखार के प्रकोप के बाद क्षेत्र की स्थिति की समीक्षा करेंगे.
क्या है चमकी बुखार
एईएस (एक्टूड इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) और जेई (जापानी इंसेफलाइटिस) को उत्तरी बिहार में चमकी बुखार के नाम से जाना जाता है. इससे पीड़ित बच्चों को तेज बुखार आता है और शरीर में ऐंठन होती है. इसके बाद बच्चे बेहोश हो जाते हैं. मरीज को उलटी आने और चिड़चिड़ेपन की शिकायत भी रहती है.
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