बिहार: एनडीए में विद्रोह, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को अब नीतीश कुमार मंजूर नहीं
आरएलएसपी के प्रवक्ता ने कहा, "नीतीश कुमार जी जनता दल यूनाइटेड के लीडर हो सकते हैं लेकिन एनडीए के लीडर नहीं हो सकते.''

पटना: केंद्र के नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी को नीतीश कुमार अब मंजूर नहीं है. कुछ दिन पहले एबीपी न्यूज़ से उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि एनडीए की बैठक में अगले मुख्यमंत्री का नाम तय होना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने अपनी दावेदारी भी पेश की थी.
नीतीश कुमार को कभी मुख्यमंत्री एक्सेप्ट नहीं करेगी आरएलएसपी
आज राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रवक्ता सत्येंद्र ने नीतीश सरकार पर निशाना साध दिया. सत्येंद्र ने कहा कि बिहार में जंगलराज, हत्या, अपहरण जैसा माहौल था. नीतीश कुमार उस वक्त के लिए मजबूरी थे. आज वर्तमान स्थिति में नीतीश कुमार जी मजबूरी नहीं हैं. राष्ट्रीय लोक समता पार्टी नीतीश कुमार को कभी मुख्यमंत्री एक्सेप्ट नहीं करेगी. उन्होंने कहा, ''पिछली बार नीतीश जी जब मुख्यमंत्री बने थे तो बिहार के लिए काम किया था. इस वजह से बिहार की जनता ने उनको दोबारा मुख्यमंत्री बनाया. आज देख रहे हैं कि बिहार का क्या हाल है. गया में पिता के सामने रेप कर दिया गया. मुजफ्फरपुर में 29 बच्चियों के साथ रेप किया गया. हमलोग ये चाहते हैं कि बिहार में जो भी सरकार बने स्वच्छ सरकार बने. मजबूती के साथ बिहार का विकास हो.''
'नीतीश कुमार अब एनडीए के लीडर नहीं'
आरएलएसपी के प्रवक्ता ने आगे कहा, "नीतीश कुमार जी जनता दल यूनाइटेड के लीडर हो सकते हैं लेकिन एनडीए के लीडर नहीं हो सकते. बिहार में प्रदेश के अंदर बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है. बिहार में सबसे ज्यादा सांसद बीजेपी के पास है, इसलिए बड़े भाई वो हो सकते हैं. नीतीश कुमार जी बड़े भाई कैसे बन सकते हैं. जब अमित शाह बिहार आए तो इन लोगों ने हवा बनाई कि बड़े भाई का रोल निभाएंगे. कैसे बड़े भाई का रोल निभाएंगे?''
सत्येंद्र ने कहा कि जब भी बैठक होगी एनडीए के साथ तो चारों नेता को बैठना होगा. नीतीश कुमार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आप अकेले मिलते हैं और बोलते हैं कि हम बड़े भाई के रोल में आएंगे. ऐसे में राष्ट्रीय समता पार्टी नीतीश कुमार को कभी बड़े भाई के रोल में नहीं मानेगी.
जातीय समीकरण में उपेंद्र कुशवाहा आगे: आरएलएसपी
आरएलएसपी के प्रवक्ता ने आगे कहा कि नीतीश कुमार जी लगभग 15 साल शासन कर चुके हैं. अब बदलाव होना चाहिए. बिहार के लोग परिवर्तन चाहते हैं. आज शिक्षा बदनाम हो रही है, शिक्षा का स्तर गिर रहा है. रही 2019-20 की बात तो जरूरी नहीं कि नीतीश कुमार जी ही मुख्यमंत्री रहेंगे, उपेन्द्र कुशवाहा नहीं हो सकते क्या? एनडीए को समझना चाहिए बिहार में जब जब वोटिंग हुआ है जाति के आधार पर हुआ है. नीतीश जी के साथ मात्र डेढ़ परसेंट वोट है. 10 फीसदी कुशवाहा समाज का वोट है.
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