नई दिल्ली: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में एनडीए में शामिल सभी पार्टियां कितनी-कितनी सीटों पर लड़ेगी? यह तय हो चुका है. सूत्रों के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) 17-17 सीटों पर लड़ेगी. वहीं रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) चार और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) दो सीटों से मैदान में उतरेगी. हालांकि एनडीए एलजेपी के एक सदस्य को राज्यसभा भी भेज सकती है. संभवत: रामविलास पासवान राज्यसभा का रास्ता अपना सकते हैं.



पिछले दिनों जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मुलाकात के बाद एलान किया था कि दोनों पार्टियां बराबर बराबर सीटों पर लड़ेगी. इसी दिन उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी यादव से मिलकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी.


जिसके बाद कल केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा दिल्ली पहुंचे. उन्होंने बीजेपी महासचिव और बिहार के प्रभारी भूपेंद्र यादव से मुलाकात की. मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि वह बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा लोकसभा सीटों का बलिदान करने के आह्वान का पालन करने को तैयार हैं. साथ ही सवाल किया कि उनकी पार्टी को बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल क्यों नहीं किया गया?


नीतीश सरकार में भागीदारी चाहते हैं उपेंद्र कुशवाहा, पूछा- आरएलएसपी को क्यों शामिल नहीं किया गया?


कुशवाहा बाद में एलजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान से भी मिले. बैठक में सीट बंटवारे पर चर्चा हुई. उपेंद्र कुशवाहा 2014 लोकसभा चुनाव में जितनी सीटें मिली थी उतनी सीटों की मांग कर रहे हैं. इस चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी ने बीजेपी से अलग होकर चुनाव लड़ने का फैसला किया था और उसे मात्र दो सीटें मिली थी.


रामविलास पासवान से मिले उपेंद्र कुशवाहा, सीट बंटवारे पर हुई चर्चा


2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी बिहार की 40 सीटों में से 30 पर लड़ी थी और उसे 22 सीटों पर जीत मिली थी. एलजेपी और आरएलएसपी क्रमश: सात और तीन सीटों पर उतरी थीं और उन्होंने क्रमश: छह और तीनें सीटें जीती थीं.