पटना: बिहार में जीएसटी को लेकर व्यापारियों में काफी नाराजगी है. नाराजगी का आलम यह है कि जीएसटी से जुड़े विवादों की संख्या 62 हजार को पार कर चुकी है. ये साल चुनावी साल है. ऐसे में व्यापारियों का गुस्सा चुनावों में ना दिखे इसलिए बिहार सरकार ने पहल की है. बिहार के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री सुशील मोदी ने आज जीएसटी को लेकर समीक्षा की. समीक्षा के बाद विवाद के निपटारे के लिए समाधान योजना लाने का एलान किया गया.


सुशील मोदी ने की समीक्षा


बजट पूर्व परिचर्चा की चौथी कड़ी में मुख्य सचिवालय स्थित सभागार में कराधान के लिए लोगों से चर्चा की गई. उनके सुझाव सुनने के बाद उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा, "जीएसटी के पहले अलग-अलग स्तर पर लंबित कर विवाद के 62,383 मामले जिनमें 3,483 करोड़ की राशि निहित के लिए एकमुश्त समाधान योजना लाई गई हैं. अभी तक 700 करदाताओं ने समाधान के लिए आवेदन दिया है. उन्होंने अपील की कि अधिक से अधिक करदाता 25 मार्च तक विवादित राशि का 35 और ब्याज सहित पेनल्टी की 10 प्रतिशत राशि जमा कर समाधान योजना का लाभ उठाएं."


सुशील मोदी ने कहा, "साल 2018-19 में 33,539 करोड़ का राजस्व पांच विभागों द्वारा कलेक्शन किया गया था. इस साल का संशोधित लक्ष्य 35,690 करोड़ है, जिनमें से जनवरी तक 26,883 करोड़ का कलेक्शन हो चुका है. अगले दो महीने में शेष 8,806 करोड़ का कलेक्शन करने में सभी सहयोग करें."


उन्होंने कहा, "जीएसटी के अन्तर्गत टैक्स इवेजन के मामलों को रोकने के लिए 5,479 निबंधित करदाताओं के परिसर का निरीक्षण किया गया. जिनमें 744 का कोई अता-पता नहीं पाया गया. छह महीने तक रिटर्न दखिल नहीं करने वाले 37,305 कारोबारियों के निबंधन को रद्द कर दिया गया है.


103 करोड़ की लगाई पेनल्टी


पिछले 20 महीनों में कुल 21 हजार वाहनों और 425 परिसरों का निरीक्षण कर 103 करोड़ की पेनल्टी इंपोस्ड की गई है. फर्जी कंपनियों के जरिए 100 कारोबारियों ने 1991.6 करोड़ का माल बाहर से मंगाया जिनमें 426.87 करोड़ का कर निहित है. ऐसे टैक्स इवेडर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.


चर्चा में शामिल लोगों ने बिहार में पेट्रोलियम पदार्थों पर पड़ोसी राज्यों के समतुल्य वैट दर करने, बालू का अवैध खनन कर यूपी में ले जाने से रोकने के लिए चेकपोस्ट पर कड़ाई करने, 15 साल पुराने वाहनों के लिए एकमुश्त समधान योजना लाने, सर्किल रेट बिक्री दर से ज्यादा होने तथा ईंट, बालू, परिवहन और निबंधन से जुड़े करीब दो दर्जन से अधिक मुद्दे उठाये और अपने सुझाव दिए.

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