पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जन्मदिन के मौके पर पटना के गांधी मैदान में कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसी के साथ साल के अंत में हो रहे विधानसभा चुनाव की औपचारिक शुरुआत भी कर दी गई. इस कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. सीएम के करीब पौने दो घंटे के भाषण में नगरिकता कानून, विशेष राज्य के दर्जे की मांग, सिंचाई समेत कई मुद्दों पर चर्चा की गई.


'जंगलराज से कानून राज तक पहुंचा बिहार'


कार्यकर्ता सम्मेलन में सीएम नीतीश कुमार ने कहा, "पहले लोग छिपाते थे की हम बिहार से हैं. इसे जंगलराज कहा जाता था. जब हम लोगों को काम करने का मौका मिला तो कानून का राज स्थापित हुआ." उन्होंने कहा, "लोग बोलते रहते हैं मगर जानकारी नही होती है. नया सोशल मीडिया शुरु हो गया है. इस पर तुरंत घटनाएं दिखती हैं मगर अपराध में बिहार कई राज्यों से पीछे है. सबसे ज्यादा हत्या की घटना आपसी विवाद के कारण होती हैं. 60 प्रतिशत घटनाएं आपसी कारणों से. सिर्फ मिडिया के भरोसे नतीजे पर नहीं पहुंचना चाहिए. बहुत लोग ऐसे ही बहुत कुछ कहते रहते हैं. हर किसी को सुधारना मुमकिन नहीं है."


'पोर्न साइट पर हो पूर्ण पाबंदी'


अपने भाषण के दौरान नीतीश कुमार ने फिर एक बार पोर्न साइट से बढ़ रहे आपराधिक घटनाओं का जिक्र किया. उन्होंने कहा, "सोशल मीडिया का दुरुपयोग पोर्न साइट के जरिए हो रहा है. दुनिया भर में इस पर गलत चीज डाली जा रही हैं." उन्होंने कहा, "पीएम को चिट्ठी लिखकर मैंने पोर्न साइट पर रोक लगाने की अपील भी की है. इसके कारण महिलाओं के साथ अत्याचार होता है. मैं देश भर में इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग करता हूं."


'तेजस्वी के मुलाकात का कोई राजनीतिक अर्थ ना निकाला जाए'


सीएम नीतीश ने कहा, "पिछले हफ्ते हुई तेजस्वी यादव से मुलाकात को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि कुछ लोग कन्फ्यूजन फैलाते हैं, लेकिन कभी कभी लोग किसी से मिलते रहते हैं." गौरतलब है कि विधानसभा सत्र के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी और विपक्ष के कुछ नेताओं से मुलाकात की थी, जिसके बाद चुनाव के मद्देनजर लगातार अलग अलग कयास लगाए जाने लगे थे.


दो सौ से ज्यादा सीट जीतने का किया दावा


जेडीयू चीफ नीतीश कुमार ने कहा, "अल्पसंख्यक लोगों के लिए हम लोग काम कर रहे हैं. संशोधित एनपीआर और एनआरसी के विरोध में सर्वसम्मति से विधान सभा में प्रस्ताव पास हुआ है. हम विनती करते हैं की समाज का माहौल खराब ना करें. यहां एनडीए की सरकार है फिर भी सब ठीक से चल रहा है. प्रस्ताव पास हो रहे हैं. यहां अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं हम इसका विश्वास दिलाना चाहते हैं. ये देश सबका है, हिन्दू-मुस्लिम, सिख-इसाई सभी का इस देश पर हक है. हम लोग प्रेम और भाईचारे का माहौल कायम रखेंगे. इस साल भी एनडीए साथ चुनाव लड़ेगा और हमें 200 से ज्यादा सीट मिलेंगी. हम लोग सबके साथ मिल कर काम करना चाहते हैं."


'लालू यादव भी थे CAA स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य थे'


नीतीश कुमार ने सीएए पर खुलेतौर पर कहा, "सीएए पर बिल 2003 में संसद में सर्वसम्मति से पास हुआ. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि संसद की स्टैंडिंग कमेटी ने इस बिल को मंजूर किया था. स्टैंडिंग कमेटी ने कहा था कि पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों को नागरिकता मिलनी चाहिए. उस वक्त प्रणब मुखर्जी, लालू प्रसाद स्टैंडिंग कमिटी में थे. मनमोहन सिंह ने इसके पक्ष में राज्य सभा में बोला था. सीएए का मामला सुप्रीम कोर्ट में है और इस पर जैसा आदेश आएगा वैसा पालन करेंगे."


'अगर सरकार बनी तो हर खेत तक पहुंचेगा सिंचाई का पानी'


चुनावी अभियान की औपचारिक शुरुआत करते हुए नीतीश कुमार ने कार्यकर्ताओं के सामने कुछ आंकड़े रखे. उन्होंने ये भी बताया कि 15 साल पहले बिहार क्या था और अब क्या है. नीतीश ने इसे आंकड़ों के जरिए पेश किया. नीतीश ने दावा किया कि सात निश्चय के तहत की गई घोषणाओं में काफी कुछ वादे पूरे कर लिए गए हैं. उन्होंने कहा कि अगर वे इस बार चुनाव जीत गए तो हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाएंगे.


सम्मेलन में पहुंचे लोगों ने दरोगा परीक्षा धांधली को लेकर किया प्रदर्शन


वहीं गांधी मैदान में नीतीश कुमार जब भाषण दे रहे थे तभी दर्शक दीर्घा में बैठे कुछ लोगों ने सीएम के विरोध में प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और सभा में नीतीश मुर्दाबाद के नारे लगने लगे. हालांकि नीतीश कुमार ने बोलना जारी रखा. दरअसल सबसे आगे दरोगा के असफल अभ्यर्थी पर्चा लीक मामले को लेकर नारेबाजी करने लगे. कुछ देर बाद ही वहां मौजूद पुलिस और कार्यकर्ताओं ने इनके बैनर छीनकर भगा दिया.


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