पटना: बिहार में अगले साल का विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा, ये कहकर बीजेपी अध्यक्ष ने बयानबाजी पर विराम लगा दिया है. बीते दिनों में चेहरे को लेकर एनडीए के नेताओं के बीच खूब बयानबाजी हुई थी. अमित शाह ने भले ही इस पर विराम लग गया हो लेकिन सीट बंटवारे की चुनौती से निपटना एनडीए के ‘थिंकटैंक’ इतना आसान हीं होगा.


बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने इस आने वाले चुनौती के संकेत दे दिए हैं. उन्होंने कहा है कि विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बड़ा दिल दिखाएंगे. जानकार भी कहते हैं कि अमित शाह ने बिहार के कई नेताओं के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार या सरकार के विरोध में दिए जाने वाले बयान के बीच 'बड़ा दिल' दिखाते हुए बिहार में नीतीश के नेतृत्व में आगामी चुनाव लड़ने की बात कहकर जेडीयू के पाले में गेंद डाल दी है.


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बीजेपी के एक नेता ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि इस बार जेडीयू को बीजेपी के दबाव का सामना करना पड़ सकता है. उन्होंने साफ कहा कि बीजेपी ने उम्मीद पाल रखी है कि अगले विधानसभा चुनाव में बीजेपी बराबर की साझेदार होगी.


पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी 160 और जेडीयू ने 101 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था. जेडीयू उस चुनाव में आरजेडी के साथ थी. साल 2015 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 53, जेडीयू ने 71 और आरजेडी ने 80 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इसके अलावा कांग्रेस ने 27, एलजेपी ने दो, सीपीआई (एमएल) ने तीन, आरएलएसपी ने दो, हम ने एक और निर्दलीय ने चार सीटें जीती थीं.


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हालांकि, एनडीए में अभी तक सीट बंटवारे को लेकर जेडीयू और बीजेपी के नेता अभी तक खुलकर आमने-सामने भले नहीं हुए हैं, लेकिन भीतरखाने बीजेपी में बराबर की साझेदारी की मांग जोर पकड़ चुकी है. इधर, जेडीयू के नेता खुद को 'बड़ा भाई' बताने से अभी भी पीछे नहीं हट रहे हैं. बहरहाल, एनडीए में नेतृत्व को लेकर बादल भले छंट गए हों, लेकिन चुनाव तक एक-बार फिर से बीजेपी और जेडीयू के नेता आमने-सामने आ जाएं, तो कोई बड़ी बात नहीं होगी.


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