बाढ़ को लेकर नीतीश ने केंद्र पर परोक्ष रूप से साधा निशाना, कहा- अबतक अपने स्तर से काम कर रहे हैं
बिहार में बाढ़ को लेकर स्थिति स्पष्ट करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि इसको लेकर केंद्र को जो मदद करनी चाहिए वो करेंगे लेकिन अबतक हम अपने स्तर पर काम कर रहे हैं. केंद्र को जो उचित लगेगा वो देंगे लेकिन हम अपनी तरफ से लगातार काम करते रहेंगे. इस पर कांग्रेस ने कहा कि क्या केंद्र सरकार को ये दिख नहीं रहा कि बिहार में बाढ़ है.
पटना: बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन सीएम नीतीश कुमार ने सदन में राज्य में आई बाढ़ को लेकर स्थिति स्पष्ट की. सीएम नीतीश ने कहा कि केंद्र सरकार को जो भी मदद करना है करे लेकिन वो अब तक अपने स्तर से काम कर रहे हैं. उन्होंने परोक्ष रूप से केंद्र सरकार पर कटाक्ष किया कि साल 2017 में आई बाढ़ में उन्हें कितनी मदद मिली?
नीतीश ने कहा कि केन्द्र सरकार का एक नियम है. हमने दो चीज केंद्र सरकार से सहयोग मांगा. हेलीकॉप्टर की मदद से लोगों के बीच फूड पैकेट पहुंचाया जा रहा है. केंद्र सरकार से ही हेलीकॉप्टर की मांग की गई है. पूरे आपदा से प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए जो धनराशि की जरुरत है उसके लिए सारा काम हमलोग अपनी तरफ से कर रहे हैं. लेकिन केंद्र सरकार को इसके लिए मेमोरेंडम भेजा जाता है और उसकी भी तैयारी हो रही है. मेमोरेंडम केंद्र को भेजा जाएगा और उसपर उनकी तरफ से एक टीम आती है. वो आकलन करती है और उसके बाद ये तय करते हैं कि कितना अतिरिक्त समर्थन देंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी जो भी काम है वो राज्य सरकार की तरफ से हो रहा है. 2017 में जो फ्लैश फ्लड आया उसमें मेमोरेंडम भी भेजा और जो केंद्र को मदद देना था दिया. लेकिन हमने अकेले बाढ़ पीड़ित परिवारों को छह हजार और तीन हजार रुपये दो हिस्से में दिया. जिनका घर और बर्तन बर्बाद हुआ उसके लिए राशि दी गई. उस समय राज्य सरकार की तरफ से 38 लाख परिवारों को हमने ये राशि दी. हमने 2400 करोड़ रुपये का आवंटन किया था.
नीतीश कुमार ने कहा कि उनका शुरू से कहना है कि सरकारी खजाने पर आपदा पीड़ितों का पहला अधिकार है. जो भी राज्य सरकार के खजाने में है, जरुरत के मुताबिक उन्हें दिया जाएगा. साथ ही हमलोग केंद्र सरकार से भी सहयोग चाहते हैं. केंद्र को जो उचित लगेगा वे देंगे लेकिन हम अपनी तरफ से निरंतर काम करते रहेंगे.
उधर केंद्र की तरफ से शिक्षा नीति पर राज्य सरकारों से सुझाव मांगा गया है. इसपर नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. इसमें कहा कि इस महीने के अंत तक वे सुझाव नहीं दे सकते हैं क्योंकि अभी यहां पूरा इलाका बाढ़ से प्रभावित है. सबका ध्यान वहीं केंद्रित है. इसक लिए थोड़ा समय बढ़ाने की मांग की है. जब आरजेडी नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने पूछा कि राज्य में एक तरफ बाढ़ और दूसरी तरफ सुखाड़ है, क्या इसपर केंद्र ने कोई सुध ली है कि नहीं. इसपर नीतीश कुमार ने कहा कि हम अपनी तरफ से सारा काम चला रहे हैं.
जब सीएम नीतीश ने बाढ़ को लेकर स्थिति स्पष्ट की तो कांग्रेस ने इस मसले पर उनका साथ दिया. कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने केंद्र पर हमला बोल दिया. उन्होंने पूछा कि क्या केंद्र सरकार अबतक सोई हुई है. क्या केंद्र सरकार को ये दिख नहीं रहा कि बिहार में बाढ़ है? क्या मेमोरेंडम जाएगा तभी केंद्र से राहत मिलेगी? उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार के प्रति केंद्र सरकार का रवैया ठीक नहीं है. बाढ़ से पीड़ित लोगों की मदद के लिए केंद्र को आगे आना चाहिए नहीं तो हम लगो एकजुट होकर विरोध करेंगे.