नई दिल्ली: पिछले कई हफ्तों से बिहार में एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर गहमागहमी जारी है. जब से ये एलान हुआ कि जेडीयू और बीजेपी बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेगी तब से उपेंद्र कुशवाहा नाराज चल रहे हैं. गुरुवार को वे सीट बंटवारे पर चर्चा के लिए पटना से दिल्ली पहुंचे लेकिन उनकी बीजेपी नेताओं से बातचीत नहीं हुई. कुशवाहा बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मिलने के लिए दिल्ली आए थे लेकिन शाह मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के प्रचार में व्यस्त हैं. अब कल यानि शनिवार को कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी की कार्यकारिणी की बैठक है. इसमें कुशवाहा कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं.


उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि सीट शेयरिंग में गतिरोध बना हुआ है और आगे बातचीत भी नहीं हो पा रही है. ऐसे में हम राष्ट्रीय कार्यकारिणी में चर्चा करेंगे कि ऐसे में अब क्या करना चाहिए. वहीं नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि जिस तरह से अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया, नीच कह डाला इससे पूरी पार्टी आहत है. पार्टी कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार के बयान पर भी चर्चा होगी. कुशवाहा ने एक बार फिर मांग की कि पिछली बार (2014) में जितनी सीटों पर लड़े थे उससे ज्यादा सीटें चाहिए, क्योंकि पार्टी पहले से मजबूत हुई है. बता दें कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कुशवाहा की पार्टी ने तीन  सीटों पर चुनाव लड़ा था और तीनों पर जीत दर्ज की थी. बाद में अरुण कुमार ने आरएलएसपी छोड़ दी और अपनी एक नई पार्टी बना ली.


सियासी गलियारे में ये कयास लगाए जा रहे हैं कि कुशवाहा एनडीए का साथ छोड़ सकते हैं. उधर बिहार जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ट नारायण सिंह ने कहा कि एनडीए मजबूत है और काफी अच्छी स्थिति में है, किसी के आने जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता है. उपेंद्र कुशवाहा पर हम कोई टिप्पणी नहीं करते, हमारे प्रवक्ता भी संयम बरत रहे हैं. सीएम नीतीश कुमार ने कोई ऐसा बयान नहीं दिया, जब कोई खुद दूसरी धारा में जाना चाहता है उसे नहीं रोका जा सकता. कोई व्यक्ति किसी जाति का ठेकेदार नहीं हो सकता है.