पटना: लोकसभा चुनाव 2019 से पहले बिहार में राजनीतिक उठापटक तेज होती दिख रही है. एक ओर जहां 3 फरवरी को पटना के गांधी मैदान में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जनसभा को संबोधित करेंगे तो वहीं दूसरी ओर इसके एक महीने बाद 3 मार्च को पीएम मोदी भी यहीं से बीजेपी की जीत के लिए हुंकार भरेंगे. खास बात ये है कि पीएम मोदी के साथ सीएम नीतीश कुमार और रामविलास पासवान भी होंगे, लेकिन राहुल के साथ मंच पर कौन-कौन होगा, ये अभी तय नहीं हुआ है.


रविवार को पटना में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के तीनों घटक दलों ने एक साथ पहली बार प्रेस कॉफ्रेंस कर इस रैली की जानकारी दी. प्रेस कॉन्फ्रेंस में एनडीए के नेताओं ने कहा कि अगर राहुल गांधी 3 फरवरी को मोदी और नीतीश से हिसाब मांगेंगे तो इसका जवाब 3 मार्च को होने वाली महारैली से दिया जाएगा. इस मौके पर बीजेपी के नित्यानंद राय, एलजेपी के पशुपति पारस और जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह मौजूद थे.


गांधी मैदान में होगी अब तक की सबसे बड़ी रैली
जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा, "राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने एक फैसला लिया है कि हम पटना के गांधी मैदान में एक बड़ी रैली का आयोजन करेंगे और उस रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी आमंत्रित करेंगे. इस रैली में बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार भी शामिल होंगे. रैली के आयोजन को नीतीश कुमार और एलजेपी प्रमुख रामविलास पासवान की स्वीकृति भी मिल गई है. इस रैली के लिए तीनों पार्टी के कार्यकर्ताओं की भागीदारी होगी." संख्या बल पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि गांधी मैदान में अब तक हुई सभी रैलियों से यह बड़ी होगी.


रैली के लिए क्वार्डिनेशन कमिटी का होगा गठन
प्रेस कॉन्फ्रेंस में एलजेपी की अगुवाई कर रहे पशुपति पारस ने कहा, "कुछ दिनों बाद चुनाव होने वाला है और 6 मार्च से 10 मार्च के बीच चुनाव का नोटिफिकेशन भी जारी होने वाला है, इसीलिए हम लोगों ने तय किया है कि 3 मार्च को गांधी मैदान में बहुत ही विशाल रैली होगी." पारस ने नीतीश कुमार और रामविलास पासवान की सहमति का जिक्र करते हुए कहा कि बिहार के 38 जिलों के जिला अध्यक्षों के माध्यम से क्वार्डिनेशन कमिटी का गठन किया जायेगा और इस रैली को सफल बनाने के लिए जिला, प्रखंड और पंचायत स्तर पर भी हम लोगो को जोड़ने का काम करेंगे.


चुनाव से पहले रैली करने पर पशुपति पारस ने कहा कि नोटिफिकेशन जारी होने के बाद रैली नहीं होती और अगर होती भी है तो उस प्रक्रिया में लंबा समय लगता है, इसीलिए रैली का दिन 3 मार्च रखा गया है.


बीजेपी मांगेगी कांग्रेस से 55 वर्षों का हिसाब
रैली को लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कड़े शब्दों में कहा, "इस रैली में हम कांग्रेस के 55 वर्षों का हिसाब मांगने का काम करेंगे और 5 वर्षों के नरेंद्र मोदी जी की सरकार का हम हिसाब देंगे. कांग्रेस के अलावा बिहार में 15 वर्षों तक एक परिवार की सत्ता रही है तो राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के उस 15 साल के कुशासन का भी हम हिसाब लेंगे और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भी 14 वर्षो का हिसाब बिहार की जनता को देंगे. उन्होंने कहा कि इस रैली का एकमात्र उद्देश्य हिसाब लेना और देना होगा.


'बिहार की जनता अफवाहों पर नहीं करेगी विश्वास'
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यूपीए के सभी घटक दल अफवाहों का बाजार सजाने में लगे हैं और हम एनडीए के लोग विकास की बहार लाने में लगे हैं. अब बिहार की जनता अफवाहों पर विश्वास नहीं करेगी और 40 की 40 सीटें एनडीए के झोली में डालने का काम करेगी. इस रैली में हम हिन्दुस्तान और बिहार में बहुत ही शानदार तरीके से हिसाब देने वाले हैं.