बिहार: एक्शन में नीतीश सरकार, गंभीर आरोप वाले 400 थानेदार नपे, अब कई जिलों के एसपी निशाने पर
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के डीजीपी और गृह विभाग से कहा था कि ऐसे पुलिस अधिकारियों को चिन्हित करें जिनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं. अब 400 ऐसे थानेदारों को थानेदारी से बाहर कर दिया गया है. इसके बाद अब कई जिलों के एसपी ने निशाने पर हैं.
पटना: बिहार में पुलिस विभाग में सफाई अभियान चल रहा है. इसी के तहत बिहार के सभी जिलों में तैनात चार सौ थानेदारों को अब थानेदारी से बाहर कर दिया गया है. दो दर्जन डीएसपी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू हो गई है. अब कई जिलों के एसपी निशाने पर हैं. पिछले दो महीनों में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो बार विधि व्यवस्था को लेकर बैठक की थी. इसी बैठक में उन्होंने बिहार के डीजीपी और गृह विभाग से कहा था कि ऐसे पुलिस पदाधिकारियों और अधिकारियों को चिन्हित करें जिनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं या फिर अदालतों ने प्रतिकूल टिपण्णी की है.
बिहार के कई जिलों में अपराध की संख्या बढ़ी
कई ऐसे थानेदार ऐसे थे जिनके खिलाफ गंभीर आरोप थे लेकिन फिर भी वो थानेदार बन आराम से थानेदारी कर रहे थे. उन्हें किसी का डर नहीं था. ये किसी की नहीं सुनते थे. यहां तक कि अगर कोई गुहार लेकर आता था तो उन्हें ये धमकी देते थे. बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने सभी जिलों के एसपी को ये टास्क दिया था कि ऐसे थानेदारों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करें. इसी अभियान के तहत इतने बड़े पैमाने पर थानेदारों को बदला जा रहा है. इनके बाद जिलों में तैनात एसपी की बारी है. बिहार में कई जिलों में अपराध की संख्या बढ़ गई है.
विधि व्यवस्था की एक बैठक में नीतीश कुमार ने पुलिस अधिकारियों को शराब माफिया और पुलिस की मिलीभगत को खत्म करने का आदेश दिया था. उन्होंने कहा था कि मद्य निषेध को और प्रभावी और कारगर बनाने के लिए सबको भावनात्मक जुड़ाव के साथ काम करना होगा. जिन पुलिस अधिकारियों की शराब धंधेबाजों के साथ मिलीभगत हो उनके खिलाफ भी विभागीय स्तर पर कड़ी कार्रवाई हो.