नई दिल्लीः एक तरफ बिहार की राजधानी पटना में कड़ाके की ठंढ पड़ रही है तो दूसरी ओर सूबे का सियासी पारा लगातार चढ़ रहा है. लोकसभा चुनाव 2019 से पहले एनडीए में सीटों के बंटवारे को लेकर जारी खींचतान जारी है. सीटों के बंटवारे को लेकर चल रहे खींचतान के बीच बीजेपी और जेडीयू के नेता साफ साफ बोलने से बचते दिखाई दे रहे हैं. इस बीच गठबंधन के घटक दल रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी ने अलग राग छेड़ दिया है. पार्टी के नेता और जमुई के सांसद चिराग पासवान ने ट्वीट कर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी. अब डैमेज कंट्रोल करने के लिए जेडीयू ने सफाई पेश की है.


जेडीयू नेता संजय सिंह ने कहा कि एलजेपी अलग नहीं हो रही है. अगर चिराग पासवान को कोई परेशानी है तो उसे दूर कर लिया जाएगा. बिहार में एनडीए चट्टानी एकता की तरह मजबूत है. एनडीए किसी नाजुक दौर से नहीं गुजर रहा है और यहां ऑल इज़ वेल है. हमसब साथ में अगला चुनाव लड़ेंगे. महागठबंधन में जो स्थिति है वो एनडीए में नहीं है.


संजय सिंह ने कहा कि विधानसभा चुनावों में व्यस्त रहने की वजह से सीट बंटवारे के फैसले में देरी हो रही थी. अब जल्द ही इसका निपटारा हो जाएगा. रामविलास पासवान देश की राजनीति अच्छे से जानते हैं इसलिए एलजेपी एनडीए का मजबूत अंग है.


वहीं बिहार एलजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और राम विलास पासवान के छोटे भाई पशुपति कुमार पारस ने बीजेपी को अल्टीमेटम देते हुए 31 दिसंबर तक सीट शेयरिंग फाइनल करने को कहा है. पशुपति कुमार ने कहा कि 2014 में हमलोग एनडीए के पार्ट रहे. साढ़े चार साल हम विश्वास के साथ रहे. हमने कभी ऐसा बयान नहीं दिया. हम चाहते हैं कि एनडीए की फिर से सरकार बने. हमारी मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से है कि वे सही समय पर सीट शेयरिंग पर निर्णय लें.



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