पटना: बिहार में प्रवासियों से फैले कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ रहा है. लॉकडाउन के चलते अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी ट्रेन के जरिए या सड़क के रास्ते अपने प्रदेश लौट रहे हैं. सरकार के अनुमान से लगभग दोगुनी संख्या में प्रवासी बिहार लौट चुके हैं और पलायन जारी है. इन प्रवासियों के साथ ही राज्य में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है.


बिहार में अब तक 748 प्रवासी मजदूर पॉजिटिव पाए गए


राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से रविवार को जो आंकड़े जारी किए गए हैं उसके मुताबिक, बिहार में अब तक 748 प्रवासी मजदूर कोविड-19 पॉजिटिव मिले हैं. इनमें 24 फीसदी प्रवासी श्रमिक दिल्ली से हैं. दिल्ली से आने वाले 1633 श्रमिकों का सैम्पल लिया गया है जिसमें 999 का टेस्ट किया गया है और इनमे 243 पॉजिटिव पाए गए हैं. दूसरे नम्बर पर महाराष्ट्र से आने वाले संक्रमित हैं. 176 श्रमिक महाराष्ट्र से हैं जबकि 160 श्रमिक गुजरात से हैं और 44 श्रमिक पश्चिम बंगाल से लौटने वाले हैं.


राज्य सरकार ने पूल टेस्टिंग के दिए निर्देश


श्रमिकों के बढ़ते संक्रमण आंकड़ों को देखते हुए राज्य सरकार ने पूल टेस्टिंग के निर्देश दिए हैं. पीएमसीएच के नोडल ऑफ़िसर की मानें तो पूल टेस्टिंग से टेस्टिंग बड़ी संख्या में की जा सकेगी जिससे संक्रमण का अनुमान और इसे लेकर आगे रोकथाम की रणनीति बनायी जा सकेगी.


क्या है पूल टेस्टिंग?


पूल टेस्टिग में समूह में टेस्ट की जाती है. उदाहरण के लिए टेस्टिंग किट में अगर 20 लोगों के सैम्पल टेस्ट करने की क्षमता है तो 20 संदिग्धों के नाक और गले से स्वैब का सैंपल लिया जाएगा. फिर इसकी पूल (समूह) में जांच की जाएगी. अगर किसी पूल के नतीजे नेगेटिव आते हैं तो इसका मतलब है कि जिन लोगों से उस पूल के लिए सैंपल लिया गया था, उन्हें कोरोना वायरस नहीं है.


इसी तरह अगर जिस पूल में किसी के नतीजे पॉजिटिव हैं तो किट के सभी सैंपल की फिर से अलग-अलग जांच की जाएगी. पीएमसीएच के नोडल ऑफ़िसर के मुताबिक, पूल जांच महाराष्ट्र या कई राज्यों में पहले से ही की जा रही है. पूल टेस्टिंग के लिए बिहार आ रहे प्रवासियों को तीन अलग अलग कैटेगॉरी में बांटा गया है. इसमें सबसे ज्यादा दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात से आने वाले प्रवासियों की टेस्टिंग की जाएगी. चूंकि इन राज्यों से आने वालों में कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा है, लिहाजा इनके सैम्पल की पूल टेस्टिंग नहीं होगी. अक्सर पूल टेस्टिंग उन इलाकों की जाती है जहां संक्रमण का खतरा कम होने की संभावना होती है.


20 मई को अलग अलग राज्यों से कुल 66 ट्रेनें बिहार आ रही हैं. प्रवासियों को लेकर 17 राज्यों से चली इन ट्रेनों में 1 लाख से ज़्यादा प्रवासी एक दिन में बिहार पहुंचेंगे. सरकार की तरफ से दी गयी जानकारी के अनुसार कल यानि 20 मई को कुल 107660 लोग बिहार आ रहे हैं जिन्हें क्वॉरंटीन सेंटर भेजा जाएगा. बिहार में सोमवार यानी 18 मई तक 365 ट्रेनों से 5 लाख प्रवासी बिहार लौटे हैं और 27 मई तक हर रोज़ 50 ट्रेनें आएंगी जिससे 8-10 लाख प्रवासी लौटेंगे.


बिहार में 1442 कोरोना पोजिटिव मिले हैं. बिहार सरकार की माने तो फिलहाल बिहार के 6209 क्वॉरन्टीन सेंटर में 3.53 लाख लोग रह रहे हैं. 11 मई को संक्रमितों की संख्या 749 थी जो 18 मई को 1423 तक पहुंच गयी है यानि एक सप्ताह में 674 कोरोना मरीज बढ़ गये हैं. 14 मई को ये संख्या 999 थी यानी चार दिनों में 424 कोरोना मरीज बढ़ गये हैं. इसे ध्यान में रखते हुए क्वॉरंटीन सेंटर की संख्या बढाई जाएगी.


बिहार में अबतक 50563 कोरोना जांच किए गए हैं. बीते 24 घंटे में कोरोना के 104 नये मामले आए हैं. बीते 24 घंटे में कोरोना से ठीक हुए मरीजों की संख्या 40 है. अब तक कुल 534 मरीज़ ठीक हुए हैं और 9 लोगों की मौत हुई है. 18 मई को लगभग 2007 लोगों का टेस्ट किया गया जिनमें 116 पॉजिटिव पाए गए हैं.


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